अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कतर की राजधानी दोहा में भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर अपने पहले दावे से पलट गए हैं। दोहा में अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने मध्यस्थता के दावे को खारिज कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने में उनकी कुछ मदद जरूर रही। दूसरी ओर, भारत ने ट्रंप के दावे को तवज्जो न देते हुए स्पष्ट कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम आपसी बातचीत से हुआ है।
ट्रंप ने अब क्या कहा?
ट्रंप ने कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने सब कुछ किया, लेकिन मैंने निश्चित रूप से पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद की।” उन्होंने कहा, “स्थिति बहुत तनावपूर्ण हो रही थी और अचानक आप वहां अलग-अलग तरह की मिसाइलें देखने लगे, लेकिन हमने इसे सुलझा लिया।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे लगता है कि यह हल हो गया है। हमने उनसे (भारत और पाकिस्तान से) व्यापार पर भी बात की। मैंने कहा- आओ व्यापार करें, युद्ध नहीं। पाकिस्तान इससे बहुत खुश था, भारत भी इससे बहुत खुश था और मुझे लगता है कि वे अब सही दिशा में बढ़ रहे हैं।”
ट्रंप ने पहले क्या कहा था?
ट्रंप ने सोमवार को दावा किया था कि उन्होंने व्यापार में कटौती का मुद्दा उठाकर दोनों देशों को शत्रुता खत्म करने के लिए मजबूर किया। व्हाइट हाउस में पत्रकार सम्मेलन में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा कि अगर वे तनाव रोकते हैं, तो अमेरिका उनके साथ ‘ढेर सारा व्यापार’ करेगा। उन्होंने कहा, “हम तुम्हारे साथ बहुत सारा व्यापार करेंगे। इसे रोक दो। अगर तुम इसे रोकते हो, तो हम व्यापार करेंगे। अगर तुम इसे नहीं रोकते, तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे।”
ट्रंप ने की थी अपनी पीठ थपथपाई
ट्रंप ने कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि लोगों ने कभी भी व्यापार का उस तरह से उपयोग नहीं किया, जैसा मैंने किया। और अचानक उन्होंने (भारत और पाकिस्तान ने) कहा, ‘हमें लगता है कि हम इसे रोकने जा रहे हैं।’” ट्रंप ने दावा किया, “और उन्होंने ऐसा किया और उन्होंने यह कई कारणों से किया, लेकिन व्यापार एक बड़ा कारण है। हम पाकिस्तान के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। हम भारत के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। हम अभी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम जल्द ही पाकिस्तान के साथ बातचीत करने जा रहे हैं, और हमने एक परमाणु संघर्ष को टाल दिया है।”