प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए। 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में पवित्र स्नान किया। यह आयोजन सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं रहा, बल्कि इससे लाखों लोगों को रोजगार भी मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समापन समारोह में बताया कि महाकुंभ के कारण करीब 3.5 लाख करोड़ की आर्थिक वृद्धि हुई है।
महाकुंभ ने कई लोगों की जिंदगी बदली, जिनमें प्रयागराज के एक नाविक परिवार की कहानी खास है। विधानसभा में सीएम योगी ने बताया कि इस परिवार ने 130 नावों से करीब 30 करोड़ रुपये की कमाई की। उनके इस बयान के बाद यह नाविक परिवार चर्चा में आ गया।
क्या सच में हुई 30 करोड़ की कमाई?
प्रयागराज के अरैल क्षेत्र में रहने वाले पिंटू माहरा ने बताया कि उनके परिवार के पास कुल 130 नावें हैं, जिनमें से पहले सिर्फ 12 नावें थीं। लेकिन महाकुंभ को देखते हुए उन्होंने 70 नई नावें बनवाईं, जिनमें 7 मोटर बोट भी शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने 30 करोड़ रुपये की कमाई के दावे को पूरी तरह सही नहीं माना। उनके मुताबिक, परिवार के हर सदस्य को करीब 5-6 लाख रुपये की आमदनी हुई, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा थी। उन्होंने इस सफलता के लिए महाकुंभ की बेहतरीन व्यवस्थाओं और सरकार के प्रबंधन को धन्यवाद दिया।
नावों के किराए को लेकर पूछे गए सवाल पर पिंटू माहरा ने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण लोगों ने स्वेच्छा से ज्यादा किराया दिया। इसके अलावा, कई श्रद्धालुओं ने पैसे, आभूषण और कपड़े भी भेंट किए।
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसने प्रयागराज के हजारों लोगों को आर्थिक समृद्धि का अवसर भी दिया। प्रशासन की बेहतर व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं की आस्था ने इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया।