हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि यदि अमेरिका ने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो यह संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था। उन्होंने कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच तत्काल संघर्षविराम संभव हुआ, जिससे संभावित परमाणु टकराव टल गया।
यह संघर्षविराम अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व में हुई कूटनीतिक कोशिशों का परिणाम था, जिसमें यूके और सऊदी अरब का भी समर्थन शामिल था।
हालांकि, भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस संघर्षविराम को अपनी-अपनी जीत के रूप में प्रस्तुत किया है, और कश्मीर मुद्दे पर तनाव अभी भी बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक कश्मीर विवाद का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक भविष्य में फिर से संघर्ष की संभावना बनी रहेगी।