अमेरिका ने सोमवार को यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ जबरदस्त हवाई हमला किया, जिसमें हूती नेताओं के सुरक्षा प्रमुख की मौत हो गई। हूती विद्रोहियों का दावा है कि शनिवार से जारी अमेरिकी हमलों में अब तक 53 लोग मारे गए हैं और लगभग 100 घायल हुए हैं। इन हमलों के जवाब में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने भी हमले की धमकी दी है, जिससे यमन में तनाव और बढ़ने की आशंका है। ये हमले अमेरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के निर्देश पर किए गए।
सोमवार को एबीसी न्यूज से बातचीत में, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने पुष्टि की कि अमेरिकी हमलों में कई हूती नेता मारे गए। इसके अलावा, अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने रविवार को बयान दिया कि अमेरिका हूतियों के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रखेगा, जब तक वे अमेरिकी संपत्तियों और वैश्विक शिपिंग को निशाना बनाना बंद नहीं करते।
हूतियों का दावा – अमेरिकी युद्धपोत पर हमला किया
रविवार को हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने लाल सागर में तैनात अमेरिकी युद्धपोतों, विशेष रूप से यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन विमानवाहक पोत पर हमला किया। हालांकि, अमेरिका ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उसने हूती विद्रोहियों के 11 ड्रोन मार गिराए।
शनिवार को एक अमेरिकी अधिकारी ने ‘द जेरूसलम पोस्ट’ को बताया कि ये हमले ईरान को एक सख्त संदेश देने के लिए किए गए हैं, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिकी प्रशासन उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत शुरू करने की तैयारी कर रहा है। अधिकारी के अनुसार, ये हमले “कई दिनों या संभवतः हफ्तों तक” जारी रह सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का बयान – “पूरी ताकत से हमला जारी रहेगा”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर हवाई हमलों का आदेश दिया। ट्रंप ने चेतावनी दी कि जब तक हूती विद्रोही अहम समुद्री मार्गों पर मालवाहक पोतों पर हमले बंद नहीं करते, अमेरिका अपनी पूरी ताकत से जवाब देगा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:”हमारे बहादुर सैनिक अमेरिकी जलमार्गों, वायु और नौसेना संपत्तियों की रक्षा के लिए आतंकवादियों के ठिकानों, उनके समर्थनकर्ताओं और मिसाइल रक्षा तंत्र को निशाना बना रहे हैं।”