वॉशिंगटन से आई चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने गज़ा पट्टी से करीब 10 लाख फिलिस्तीनी नागरिकों को लीबिया स्थायी रूप से भेजने की एक गुप्त योजना बनाई थी। इस योजना को इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दौरान “स्थिरता” और “नागरिक सुरक्षा” के नाम पर तैयार किया गया।
योजना का मुख्य उद्देश्य गज़ा को खाली कराना और इजरायल को सैन्य कार्रवाई में खुली छूट देना था। प्रस्ताव के मुताबिक, फिलिस्तीनियों को ऐसे देश में भेजा जाना था, जहां पहले से राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता मौजूद हो — जैसे लीबिया।
इस योजना पर अमेरिकी विदेश विभाग और सुरक्षा एजेंसियों में प्रारंभिक चर्चाएं हुई थीं, लेकिन इसे आधिकारिक नीति के रूप में लागू नहीं किया गया। मानवाधिकार संगठनों ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है।
लीबिया को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां पहले से संघर्ष चल रहा है और उसे पश्चिमी प्रभाव के प्रति अधिक संवेदनशील समझा जाता है।
यूएन की चेतावनी:
यूएन और अन्य संगठनों ने इसे “नस्लीय सफाया” करार देते हुए चेताया है कि जबरन विस्थापन अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरे में डाल सकता है।