केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने जानकारी दी कि केंद्र सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली (Electronic Surveillance System) को तैनात कर रही है। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा के आसपास सुरंगों की पहचान और उन्हें नष्ट करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा।
कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित बीएसएफ की पोस्ट ‘विनय’ का दौरा करते हुए, उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को संबोधित किया। गृह मंत्री ने चुनौतीपूर्ण हालात में उनके अद्वितीय समर्पण और सेवा भावना की सराहना की।
सुरक्षा में टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका
अमित शाह ने कहा, “हम सीमाओं पर दो मॉडलों वाली इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली लगा रहे हैं, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत जवाब दिया जा सकेगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भूमिगत सुरंगों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए भी तकनीकी साधनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे घुसपैठ पर प्रभावी नियंत्रण हो सके।
BSF के समर्पण को सलाम
गृह मंत्री ने कहा कि BSF की निष्ठा और सालभर सीमाओं की सुरक्षा में उनका योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा, “वास्तविक चुनौती तभी समझ आती है जब कोई खुद सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर इन परिस्थितियों को देखता है।”
BSF का गौरवशाली इतिहास
अमित शाह ने बीएसएफ जवानों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, “चाहे ठंड हो, बारिश हो या भीषण गर्मी, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तब भी आप लोग 365 दिन और 24 घंटे सीमा पर डटे रहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएफ का इतिहास गौरवशाली रहा है और राष्ट्र की सुरक्षा में उनकी भूमिका किसी भी सशस्त्र बल से कम नहीं रही है। पाकिस्तान के साथ युद्धों में भी BSF ने सेना के समान योगदान दिया है।