अमन अरोड़ा ने लुधियाना में नशा तस्करों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों को दो रास्तों में से एक चुनना होगा—या तो वे आत्मसमर्पण कर दें या फिर गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। अरोड़ा ने यह भी कहा कि पंजाब सरकार तब तक आराम नहीं करेगी जब तक राज्य से नशा पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता और नशा तस्करों को कड़ी सजा नहीं दी जाती। उन्होंने यह भी माना कि सरकार नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और यह मुहिम जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि नशे से जुड़े व्यक्तियों को सही इलाज और सलाह सेवाएँ प्रदान करने के लिए पहले ही बड़े पैमाने पर रोकथाम और लागू करने की गतिविधियाँ चल रही हैं। नशा मुक्त भविष्य के लिए रोजगार और कौशल विकास कार्यक्रमों में भी लोगों को शामिल करने की योजना है, ताकि वे स्थिर रोजगार प्राप्त कर सकें।
यह मुहिम केवल पुलिस तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिक समाज, उद्योग, शैक्षिक संस्थाएँ और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से एक जन जागरूकता मुहिम भी चलाई जा रही है।
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल है जिसमें नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कई रचनात्मक और प्रभावशाली तरीके अपनाए जा रहे हैं। मैराथन के आयोजन से लोगों को सीधे जोड़ा जाना और उन्हें नशे के खिलाफ एक बड़ी लहर बनाने में मदद करना, सिनेमा घरों और सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप्स के जरिए विज़ुअल इफेक्ट पैदा करना, और स्कूलों में भाषणों के जरिए युवाओं को जागरूक करना, ये सभी कदम नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
यह अनुमान है कि जब लोगों को विशेष रूप से स्कूलों और कम्युनिटी इवेंट्स में नशे के नुकसान के बारे में पूरी जानकारी मिलती है, तो वे इस मुद्दे को ज्यादा गंभीरता से लेते हैं और इस पर अपने दृष्टिकोण को बदलने के लिए तैयार होते हैं।