केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स से जुड़े नियमों (TDS और TCS) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 के दौरान इन संशोधनों की घोषणा की थी।
इन बदलावों से मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) निवेशकों को फायदा होगा। खासकर, हायर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलने से टैक्स बचत में राहत मिलेगी।
एजुकेशन लोन पर TCS हटाया गया
- नए नियमों के अनुसार, स्पेसिफिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स से लिए गए एजुकेशन लोन पर TCS कटौती समाप्त कर दी गई है।
- पहले ₹7 लाख से अधिक के लोन पर 0.5% TCS लागू होता था।
- सेल्फ-फाइनेंस्ड एजुकेशन ट्रांजेक्शन पर 5% TCS काटा जाता था।
- अब इन बदलावों से शिक्षा ऋण लेने वालों को राहत मिलेगी।
FD निवेशकों को कैसे होगा फायदा?
सरकार ने सामान्य नागरिकों के लिए ब्याज आय पर TDS की सीमा ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी है। इससे छोटे निवेशकों को टैक्स में राहत मिलेगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS छूट की सीमा दोगुनी
- पहले ₹50,000 तक की ब्याज आय पर कोई TDS नहीं था।
- अब यह सीमा ₹1 लाख कर दी गई है।
- यानी, अगर एक वित्त वर्ष में ₹1 लाख से अधिक की ब्याज आय होती है, तो TDS कटौती होगी।
- मकान मालिकों को भी टैक्स में राहत
- किराये की आमदनी पर TDS की सीमा को ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख प्रति वित्त वर्ष कर दिया गया है।
- इससे रेंटल इनकम पर टैक्स बचत होगी और मकान मालिकों को राहत मिलेगी।
इन बदलावों से मध्यम वर्ग, निवेशक और किरायेदारों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का उद्देश्य टैक्सपेयर्स को राहत देना और बचत को बढ़ावा देना है।