चंडीगढ़:
साल 2017 के एक मानहानि मामले में चंडीगढ़ जिला अदालत ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की जमानत रद्द कर दी है। अदालत ने सुनवाई के दौरान पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है।
अदालत ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अगली तारीख पर भी सुखबीर सिंह बादल पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ और सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह आदेश अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल गर्ग की अदालत द्वारा पारित किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह मामला मोहाली निवासी और अखंड कीर्तननी जत्थे के प्रवक्ता राजिंदर पाल सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सुखबीर सिंह बादल के एक बयान से न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को, बल्कि संस्था की प्रतिष्ठा को भी गंभीर नुकसान पहुंचा।
शिकायत के अनुसार, सुखबीर सिंह बादल ने अखंड कीर्तननी जत्थे को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का राजनीतिक फ्रंट बताया था। इसी बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था।
मंगलवार, 17 दिसंबर 2025 को सुखबीर सिंह बादल अदालत में उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद अदालत ने उनकी जमानत रद्द करते हुए गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए। करीब आठ साल पुराने इस मामले में अब यह एक अहम कानूनी मोड़ माना जा रहा है।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यदि अगली सुनवाई में भी आरोपी अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

