चंडीगढ़, 12 दिसंबर 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शी सोच और मातृभाषा संरक्षण नीतियों से प्रेरित होकर, एक सरकारी स्कूल में कार्यरत एक समर्पित शिक्षिका ने सोशल मीडिया पर पंजाबी भाषा, संस्कृति और इतिहास को बढ़ावा देने की उल्लेखनीय पहल की है। उनकी डिजिटल मुहिम को अब तक 45,000 से अधिक फॉलोअर्स का मिल चुका समर्थन यह दर्शाता है कि माण सरकार की मातृभाषा प्रोत्साहन नीति जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम दे रही है।
इस शिक्षिका ने पारंपरिक अध्यापन को आधुनिक तकनीक से जोड़कर कक्षा में पंजाबी भाषा को रोचक और जीवंत बनाने का अनोखा प्रयास किया है। उनकी कक्षाओं में विद्यार्थियों को गुरबाणी, लोकगीत, पंजाबी साहित्य और प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से इस तरह जोड़ा जाता है कि भाषा केवल एक विषय नहीं, बल्कि एक अनुभव बन जाती है। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, उनके प्रयासों के बाद छात्रों में पंजाबी के प्रति रुचि और परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

सोशल मीडिया पर उनकी उपस्थिति एक क्रांतिकारी कदम साबित हुई है। शिक्षिका रोज़ाना छोटे-छोटे पंजाबी पाठ, मुहावरे, कहानियां, ऐतिहासिक तथ्य और सांस्कृतिक जानकारी सरल और आकर्षक शैली में साझा करती हैं। उनके वीडियो न सिर्फ पंजाब में बल्कि विदेशों में बसे पंजाबी समुदाय के बीच भी लोकप्रिय हो रहे हैं। फॉलोअर्स उनकी पोस्ट्स का बेसब्री से इंतजार करते हैं और बड़ी संख्या में साझा कर उनकी मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
माहिरों का मानना है कि यह पहल डिजिटल युग में भाषा संरक्षण का एक प्रेरणादायक मॉडल है। युवाओं को उनके पसंदीदा प्लेटफॉर्म पर अपनी मां-बोली से जोड़ने का यह सफल तरीका साबित हो रहा है।
पंजाब सरकार की भाषा नीति ने ऐसे प्रयासों को पंख दिए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाबी भाषा को पुनर्जीवित और प्रोत्साहित करने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं—जिनमें सरकारी स्कूलों में पंजाबी शिक्षा को अनिवार्य और आकर्षक बनाना, शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, आधुनिक पाठ्यक्रम का विकास तथा डिजिटल सामग्री निर्माण शामिल है। शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में पंजाबी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने के लिए विशेष संसाधन और अनुदान भी जारी किए हैं।
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस शिक्षिका की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि यह मान सरकार की नीतियों के सफल क्रियान्वयन की जीवंत मिसाल है। उनका कहना है कि जब शिक्षकों को नवाचार की स्वतंत्रता और आवश्यक संसाधन उपलब्ध होते हैं, तो वे ऐसे प्रेरणादायक बदलाव लाते हैं जो पूरी शिक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
इस शिक्षिका के फॉलोअर्स में छात्र, अभिभावक, लेखक, शिक्षाविद और प्रवासी पंजाबी शामिल हैं। कई लोग बताते हैं कि उन्होंने उनके वीडियो की मदद से अपने बच्चों को घर पर पंजाबी सिखाना शुरू किया है। एक प्रवासी पंजाबी ने टिप्पणी में लिखा, “मैं कनाडा में रहता हूं और बच्चों को पंजाबी सिखाने में कठिनाई हो रही थी। उनकी वीडियो ने बच्चों में भाषा के प्रति रुचि बढ़ाई है।”
भाषा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे प्रयास न सिर्फ पंजाबी भाषा को जीवित रखने में मदद कर रहे हैं, बल्कि युवाओं में सांस्कृतिक गौरव की भावना भी मजबूत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की नेतृत्व वाली सरकार ने हाल के वर्षों में पंजाबी भाषा और संस्कृति को सहेजने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं—सरकारी कार्यालयों में पंजाबी को अनिवार्य करना, साहित्य और कला को प्रोत्साहन देना, युवा पंजाबी लेखकों के लिए प्रतियोगिताएं व पुरस्कार स्थापित करना और डिजिटल संसाधनों का विस्तार करना उनमें शामिल हैं।
यह शिक्षिका की सफलता की कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब दूरदर्शी नेतृत्व और समर्पित शिक्षकों का संगम होता है, तो भाषा संरक्षण और सांस्कृतिक जागरण जैसे लक्ष्य आसानी से हासिल किए जा सकते हैं। मान सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप पंजाब में पंजाबी भाषा का भविष्य मजबूत और आशाजनक दिखाई दे रहा है।

