चंडीगढ़, 22 दिसंबर 2025:
बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने और अभिभावकों व शिक्षकों के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित चौथी मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) को ऐतिहासिक जनसमर्थन मिला। इस राज्यव्यापी पहल में 23.30 लाख से अधिक अभिभावकों ने भाग लेकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।

राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां), श्री आनंदपुर साहिब में मेगा PTM की अध्यक्षता की। वहीं, आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने होशियारपुर जिले के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल पड्डी सूरा सिंह में आयोजित PTM में भाग लिया। इस अवसर पर विधायकों, स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव अनिंदिता मित्रा, SCERT की निदेशक किरण शर्मा, उपायुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्यभर के 7,500 से अधिक स्कूलों का दौरा कर शिक्षा की गुणवत्ता का निरीक्षण किया।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब का शिक्षा विभाग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। “माता-पिता की भागीदारी” थीम के तहत सरकार अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा का सक्रिय भागीदार बना रही है। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों के शैक्षणिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उन्होंने बताया कि 40,000 से अधिक शिक्षकों को—हर सरकारी स्कूल से कम से कम एक शिक्षक को शामिल करते हुए—ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे अभिभावक कार्यशालाओं का प्रभावी संचालन कर सकें। इस प्रक्रिया में स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC) की भी अहम भूमिका रही, जिन्होंने अभिभावकों के साथ समन्वय और मार्गदर्शन सुनिश्चित किया।
बैंस ने कहा कि इस पहल के अंतर्गत प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं तक के विद्यार्थियों के अभिभावकों ने भाग लिया। 1 से 1.5 घंटे की अभिभावक कार्यशालाओं के बाद मेगा PTM आयोजित की गई, जिसमें साझा वर्कशॉप मॉडल और योजनाबद्ध बैठकों के माध्यम से संवाद को प्रभावी बनाया गया। अभिभावकों को जानकारी के लिए हैंडआउट भी उपलब्ध कराए गए।
शिक्षा मंत्री के अनुसार, इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई में अभिभावकों की भूमिका को मजबूत करना, घर और स्कूल के बीच सकारात्मक सहभागिता बढ़ाना तथा समग्र बाल विकास के लिए शिक्षकों, अभिभावकों और SMC के बीच सहयोग को सुदृढ़ करना है।
उन्होंने कहा कि मेगा PTM के दौरान संवाद की शुरुआत विद्यार्थियों के प्रयासों और अभिभावकों के सहयोग की सराहना से की गई, जिससे सकारात्मक वातावरण बना। इससे शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों की रुचियों, क्षमताओं और शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली।
हरजोत सिंह बैंस ने इसे पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में एक अभिनव और ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि इससे छात्रों के शैक्षणिक परिणाम, नियमित उपस्थिति और भावनात्मक कल्याण में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। यह पहल भविष्य में पंजाब की शिक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

