नई दिल्ली:
विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के लिए ड्राफ्ट मतदाता सूचियां जारी कर दी हैं। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 27 अक्टूबर को SIR की घोषणा के समय इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 13.35 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, जबकि नई ड्राफ्ट सूची में यह संख्या घटकर 12.33 करोड़ रह गई है। इसका मतलब है कि करीब 1.02 करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक, पांचों राज्यों में चल रही SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूचियों का गहन सत्यापन किया गया। इनमें सबसे ज्यादा नाम पश्चिम बंगाल में हटाए गए, जहां 58.20 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर कर दिए गए हैं।
आयोग ने बताया कि पश्चिम बंगाल में हटाए गए नामों में से 24.16 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, 32.65 लाख मतदाता स्थायी रूप से राज्य से बाहर स्थानांतरित हो चुके हैं, जबकि 1.38 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम डुप्लीकेट पाए गए, यानी एक ही व्यक्ति के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज थे। इन सभी मामलों में नियमानुसार नामों को सूची से हटाया गया है।
अन्य राज्यों की बात करें तो लक्षद्वीप में 1,429, गोवा में 1.42 लाख, राजस्थान में 41.84 लाख और पुडुचेरी में 10.03 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। आयोग के अनुसार, इनमें मृतक मतदाता, स्थायी रूप से स्थानांतरित लोग, लापता मतदाता और डुप्लीकेट एंट्री वाले नाम शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया 15 जनवरी तक जारी रहेगी। यदि किसी मतदाता का नाम गलती से हट गया है, तो वह संबंधित निर्वाचन कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकता है। सभी वैध दावों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।

