वायु प्रदूषण वैश्विक स्तर पर एक गंभीर पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा है। तमाम प्रयासों और जागरूकता अभियानों के बावजूद, हवा की गुणवत्ता में सुधार के संकेत बेहद कम दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका, चीन और भारत जैसे प्रमुख औद्योगिक राष्ट्र लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर से जूझ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां की हवा अब भी शुद्ध और सांस लेने के योग्य है?
स्विट्जरलैंड स्थित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग फर्म IQAir की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में केवल सात देश ही ऐसे हैं जहां की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुरूप साफ पाई गई। दूसरी ओर, भारत समेत कई देशों में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में बना हुआ है।
भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में शामिल
IQAir की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के शीर्ष पांच सबसे प्रदूषित देशों में शुमार है। देश में PM2.5 कणों की औसत मात्रा 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई, जो WHO की सुरक्षित सीमा (5 माइक्रोग्राम) से 10 गुना अधिक है। यह आंकड़ा प्रदूषण की भयावह स्थिति को दर्शाता है, जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 12 अकेले भारत में हैं। असम का बर्नीहाट इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां PM2.5 का स्तर 128 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। दिल्ली सहित अन्य बड़े महानगरों में भी प्रदूषण लगातार गंभीर स्तर पर बना हुआ है।
ये हैं दुनिया के सबसे स्वच्छ वायु वाले देश
- ऑस्ट्रेलिया
- न्यूजीलैंड
- बहामास
- बारबाडोस
- ग्रेनेडा
- एस्टोनिया
- आइसलैंड
रिपोर्ट के अनुसार, चाड और बांग्लादेश दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में पहले और दूसरे स्थान पर हैं। इन देशों में वायु प्रदूषण का स्तर WHO की सुरक्षित सीमा से 15 गुना अधिक दर्ज किया गया। इससे वहां गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन भी वायु प्रदूषण को और अधिक गंभीर बना रहा है। जंगलों में आग लगने की बढ़ती घटनाएं वायु गुणवत्ता को और बिगाड़ रही हैं। दक्षिण एशिया और दक्षिण अमेरिका के कई हिस्से इस वजह से गंभीर वायु संकट का सामना कर रहे हैं।