भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक ने भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल से मुलाकात की। इसके बाद वो राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। सोमवार को तीन दिन के दौरे पर भारत पहुंचे जिग्मे वांगचुक ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। जयशंकर ने कहा था कि वांगचुक का दौरा दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक किंग वांगचुक के साथ भूटान के विदेश व्यापार मंत्री टैंडी दोरजी और शाही सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी भारत आए हैं। वांगचुक थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से और शाम करीब 5 बजे राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे।
भारत की आज़ादी के बाद दोनों देशों के बीच एक संधि हुई थी। इसमें कई प्रावधान थे, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण रक्षा और विदेश मामलों में भूटान की निर्भरता को लेकर था। हालांकि समय-समय पर इस संधि में कई बदलाव हुए। बता दें कि चीन से विवाद के चलते भूटान भारत के लिए बहुत अहम है। अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं भूटान के ईस्टर्न बॉर्डर से मिलती हैं। चीन का प्लान है कि वो अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा कर ले, जिससे वो भूटान का पड़ोसी बन जाए। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन डोकलाम से गामोचिन तक अपनी सड़कों का विस्तार करना चाहता है, जिसकी सुरक्षा का जिम्मा अभी भारतीय सेना के पास है। चीन इस क्षेत्र में रेलवे लाइनों के अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, जिससे युद्ध के समय उसकी सेना को बड़ा एडवांटेज मिलेगा।