राजस्थान की यष्टिका आचार्य बहुत युवा थीं और पावरलिफ्टिंग में उनका भविष्य उज्जवल था। प्रशिक्षण सत्र के दौरान गर्दन पर रॉड गिरने से उनकी मौत इस बात को दर्शाती है कि अगर उचित सुरक्षा सावधानियाँ नहीं अपनाई जातीं, तो वजन उठाना कितना खतरनाक हो सकता है। यह बेहद दुखद है कि 270 किलोग्राम की बारबेल उनके गले पर गिर गई, जिसके कारण उनकी असमय मृत्यु हो गई।
यह उनके परिवार के लिए बहुत ही कष्टकारी है, खासकर यह जानते हुए कि उन्होंने जूनियर नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। पावरलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है जिसमें अनुशासन और ताकत की बहुत आवश्यकता होती है, लेकिन यह दुखद घटना यह याद दिलाती है कि इसमें छिपे हुए जोखिम भी हैं।