नई दिल्ली: वैश्विक टेक कंपनियों के प्रमुख लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर रहे हैं, और यह सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात नहीं, बल्कि भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विश्व नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाने का संकेत है। माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल और कॉग्निजेंट के शीर्ष अधिकारियों ने पीएम मोदी के साथ अलग-अलग बैठकों में भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़े निवेश और साझेदारियों की घोषणा की।
सबसे बड़ा ऐलान माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने किया। नडेला ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट भारत में 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रही है, जो एशिया में कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। यह निवेश भारत के “AI-प्रथम भविष्य” को तैयार करने, AI इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने और युवाओं के लिए नए कौशल अवसर उत्पन्न करने पर केंद्रित होगा।
सिर्फ सॉफ्टवेयर ही नहीं, हार्डवेयर क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इंटेल कॉर्पोरेशन के सीईओ लिप-बू टैन ने प्रधानमंत्री Modi से मुलाकात के बाद भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की सराहना की और कहा कि इंटेल भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को गहरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इंटेल ने टाटा समूह के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) भी किया है। इस साझेदारी के तहत इंटेल-डिज़ाइन किए गए उत्पादों का निर्माण और पैकेजिंग टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की आने वाली सुविधाओं में किया जाएगा। इसका मतलब है कि कंप्यूटर और गैजेट्स में इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण चिप्स अब भारत में ही बनाई जाएंगी।
यह साझेदारी भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने और प्रधानमंत्री मोदी की “Make in India for the World” की दृष्टि को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।

