तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक स्कूल में आठवीं कक्षा की दलित छात्रा के साथ कथित रूप से जातिगत भेदभाव किया गया। बताया जा रहा है कि जब छात्रा को उसके जीवन का पहला मासिक धर्म हुआ, तो स्कूल प्रबंधन ने उसे परीक्षा के दौरान कक्षा के बाहर बैठने को मजबूर किया। यह घटना एक निजी मैट्रिकुलेशन स्कूल की है।
दो दिन तक कक्षा से बाहर बैठाया गया
अनुसूचित जाति (अरुणथियार) से संबंधित यह छात्रा किनाथुकदावु तालुक के पास स्थित स्वामी चिभ्दवंदा मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती है। 5 अप्रैल को उसे पहली बार मासिक धर्म हुआ। इसके दो दिन बाद, 7 अप्रैल को साइंस की परीक्षा थी, जिसमें उसे कक्षा के बाहर बैठा दिया गया। 8 अप्रैल को सोशल साइंस की परीक्षा के दौरान भी यही स्थिति दोहराई गई।
मां ने बनाया वीडियो, शिकायत दर्ज
जब छात्रा ने 7 अप्रैल को घर आकर अपनी मां को घटना की जानकारी दी, तो मां अगले दिन स्कूल पहुंची। वहां उसने देखा कि उसकी बेटी को फिर से बाहर परीक्षा दिलवाई जा रही है। मां ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
प्रशासन ने लिया संज्ञान
कोयंबटूर के जिला कलेक्टर पवन कुमार जी गिरियप्पनवर ने बताया कि कोयंबटूर ग्रामीण पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्कूल इंस्पेक्टर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।