2025 को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 890.01 अंक (2.08%) गिरकर 41,911.71 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 155.64 अंक (2.70%) की गिरावट के साथ 5,614.56 पर बंद हुआ, जो इस वर्ष की सबसे बड़ी दैनिक गिरावट है। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 727.90 अंक (4%) गिरकर 17,468.32 पर बंद हुआ, जो सितंबर 2022 के बाद से इसकी सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है।
इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ और उनके संभावित आर्थिक प्रभावों को लेकर निवेशकों की चिंता प्रमुख है। ट्रंप ने 10% का बेस टैरिफ और कुछ देशों के लिए उच्चतर प्रतिशोधी टैरिफ लागू किए हैं, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ा है। उन्होंने जनता से घबराने की बजाय धैर्य रखने की अपील की है।
क्रिप्टोकरेंसी बाजार भी प्रभावित हुआ है। बिटकॉइन की कीमत 5.5% तक गिरकर वर्ष 2025 के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई। क्रिप्टो से संबंधित कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी गई; माइक्रोस्ट्रेटजी के शेयर 7% से अधिक, कॉइनबेस के 6% और रॉबिनहुड के 4% तक गिर गए।
तकनीकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों, जैसे टेस्ला, एनवीडिया, एप्पल, अल्फाबेट, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा के शेयरों में भी वर्ष की शुरुआत से अब तक 14% से 43% तक की गिरावट आई है। विश्लेषकों का मानना है कि इन टैरिफ्स के कारण अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र को गंभीर नुकसान हो सकता है।
कुल मिलाकर, अमेरिकी शेयर बाजार में हालिया गिरावट मुख्य रूप से नए टैरिफ्स और उनके संभावित आर्थिक प्रभावों के प्रति निवेशकों की चिंता के कारण है।