जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल देश को, बल्कि कश्मीर के लोगों को भी गहरा आहत किया है। इस नृशंस घटना के बाद कश्मीर की कई मस्जिदों से हमले की कड़ी निंदा करते हुए ऐलान किया गया। लोगों ने सरकार से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना कश्मीर के बदलते माहौल की एक मिसाल है। जहां पहले आतंकियों को समर्थन मिल जाता था, वहीं अब लोग खुलेआम उनके खिलाफ खड़े हो रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद स्थानीय नागरिकों ने कैंडल मार्च निकाला, जो न केवल कश्मीर, बल्कि पाकिस्तान तक एक सशक्त संदेश भेजता है।
मस्जिदों से आया इंसानियत का पैगाम
हमले के दो घंटे बाद ही कश्मीर की मस्जिदों से एक ऐतिहासिक घोषणा की गई—
“यह हमला इस्लाम और मानवता दोनों के खिलाफ है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। यह कश्मीर की शांति और एकता को तोड़ने की साजिश है। कश्मीर सबका है और हम इसे आतंकियों के हवाले नहीं होने देंगे।”
धर्मगुरुओं ने पर्यटकों के साथ दिखाई एकजुटता और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि ऐसे कायराना हमलों को कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए।
सड़क पर उतरे लोग, निकाला कैंडल मार्च
बारामूला और श्रीनगर जैसे इलाकों में लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर और कैंडल मार्च निकालकर आतंकी हमले का विरोध जताया। श्रीनगर के लाल चौक, जो आमतौर पर रौनक से भरा होता है, घटना के बाद खामोश नजर आया।