इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल पर 3 महीने से प्रदर्शन चल रहे हैं। प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बिल को टाल दिया है। घोषणा करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि संसद के अगले सेशन शुरू होने तक बिल को टाला जा रहा है। इसके बाद ट्रेड यूनियन ने हड़ताल खत्म कर दी। बता दें कि इजराइल में संसद का अगला सत्र 30 अप्रैल से शुरू होगा।
मीडिया के सामने नेतन्याहू के बिल टालने की घोषणा के दौरान तेल अवीव और येरूशलम में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ मौजूद रही। वहीं बिल का समर्थन कर रहे राइट-विंग के लोग भी जवाबी प्रदर्शन करते रहे। हालांकि, दोनों गुटों के बीच कोई हिंसा नहीं हुई।
बिल को वापस लेने की घोषणा करते हुए नेतन्याहू ने चरमपंथी अल्पसंख्यक समुदाय पर देश को बांटने का आरोप लगाया। साथ ही मिलिट्री रिजर्विस्ट की आलोचना की, जिन्होंने बिल पास होने पर ड्यूटी नहीं करने की घोषणा की थी।
वहीं नेतन्याहू के इस फैसले का राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने स्वागत किया। इससे पहले गठबंधन सरकार में शामिल जुइश पावर पार्टी ने भी बिल को कुछ समय के लिए टालने का समर्थन किया था। वहीं विपक्षी लीडर याइर लापिड ने कहा कि अगर ज्यूडिशियल रिफॉर्म को पूरी तरह से रोक दिया जाता है तो वो सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं।
इससे पहले 26-27 मार्च को इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल के खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो गए थे। टीचर्स और डॉक्टर्स भी अपना काम छोड़कर प्रदर्शनों में शामिल हो गए थे। लोगों ने नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया था। वहीं, तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोगों ने नेतन्याहू सरकार के खिलाफ हड़ताल कर दी थी। इसकी वजह से फ्लाइट्स के टेकऑफ पर रोक लगा दी गई थी।
इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल पर 3 महीने से प्रदर्शन चल रहे हैं। प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बिल को टाल दिया है। घोषणा करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि संसद के अगले सेशन शुरू होने तक बिल को टाला जा रहा है। इसके बाद ट्रेड यूनियन ने हड़ताल खत्म कर दी। बता दें कि इजराइल में संसद का अगला सत्र 30 अप्रैल से शुरू होगा।
मीडिया के सामने नेतन्याहू के बिल टालने की घोषणा के दौरान तेल अवीव और येरूशलम में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ मौजूद रही। वहीं बिल का समर्थन कर रहे राइट-विंग के लोग भी जवाबी प्रदर्शन करते रहे। हालांकि, दोनों गुटों के बीच कोई हिंसा नहीं हुई।
बिल को वापस लेने की घोषणा करते हुए नेतन्याहू ने चरमपंथी अल्पसंख्यक समुदाय पर देश को बांटने का आरोप लगाया। साथ ही मिलिट्री रिजर्विस्ट की आलोचना की, जिन्होंने बिल पास होने पर ड्यूटी नहीं करने की घोषणा की थी।
वहीं नेतन्याहू के इस फैसले का राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने स्वागत किया। इससे पहले गठबंधन सरकार में शामिल जुइश पावर पार्टी ने भी बिल को कुछ समय के लिए टालने का समर्थन किया था। वहीं विपक्षी लीडर याइर लापिड ने कहा कि अगर ज्यूडिशियल रिफॉर्म को पूरी तरह से रोक दिया जाता है तो वो सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं।
इससे पहले 26-27 मार्च को इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल के खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो गए थे। टीचर्स और डॉक्टर्स भी अपना काम छोड़कर प्रदर्शनों में शामिल हो गए थे। लोगों ने नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया था। वहीं, तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोगों ने नेतन्याहू सरकार के खिलाफ हड़ताल कर दी थी। इसकी वजह से फ्लाइट्स के टेकऑफ पर रोक लगा दी गई थी।