चंडीगढ़ | न्यूज़ डेस्क:
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार द्वारा ‘वीर बाल दिवस’ के संबंध में जारी किए गए एक पोस्टर पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लगातार सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं की अनदेखी कर रही है और इस तरह के भ्रामक प्रचार को तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

हरसिमरत कौर बादल ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भी सिख मर्यादा और परंपराओं के खिलाफ जाकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों—धन-धन बाबा जोरावर सिंह जी और धन-धन बाबा फतेह सिंह जी—की अतुलनीय शहादत को समर्पित दिवस का नाम ‘वीर बाल दिवस’ रखा था। अब उसी शहादत दिवस को गैर-सिख विचारधारा से जोड़कर प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल सिख सिद्धांतों पर सीधा हमला है, बल्कि इससे सिख समुदाय की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचती है। अकाली दल सांसद ने इसे निंदनीय बताते हुए कहा कि इस प्रकार का प्रचार सिख इतिहास और धार्मिक मान्यताओं को विकृत करने का प्रयास है।
हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह तुरंत ऐसे भ्रामक प्रचार को रोके और इस तरह के कार्यक्रमों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा कि सिख शहीदों की शहादत के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा और सिख कौम अपनी आस्था और विरासत की रक्षा के लिए एकजुट है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरु साहिबजादों की शहादत सिख इतिहास की अमूल्य धरोहर है और इसे किसी भी राजनीतिक या वैचारिक एजेंडे से जोड़ना उचित नहीं है।

