चंडीगढ़, 3 दिसंबर 2025
पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों को बदलने के अपने बड़े मिशन में लगातार सफलता हासिल कर रही है। सरकार द्वारा अपनाए गए फिनलैंड के “हैप्पीनेस-फर्स्ट” शिक्षा मॉडल ने सरकारी स्कूलों में माहौल और पढ़ाई दोनों का चेहरा बदल दिया है। इसका सीधा असर लाखों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य पर दिखाई देने लगा है।
फिनलैंड मॉडल: रट्टा हटाओ, खुशियों से पढ़ाओ
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि शिक्षा बच्चों पर बोझ नहीं, बल्कि आनंद का अनुभव होनी चाहिए। इसी सोच के तहत सरकार ने फिनलैंड की विश्व–प्रसिद्ध शिक्षा नीति को अपनाया है, जिसमें बच्चों की भावनाओं, खुशी और रचनात्मकता को सीखने का आधार माना जाता है।
सरकार ने इस मॉडल को लागू करने के लिए अब तक 200 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों को फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कू में 15 दिन की स्पेशल ट्रेनिंग के लिए भेजा है।
तीन बैच—18 अक्टूबर 2024, 15 मार्च 2025 और 15 नवंबर 2025—सफलतापूर्वक ट्रेनिंग लेकर लौट चुके हैं।

क्लासरूम में बड़ा बदलाव: हर दो पीरियड के बाद छोटा ब्रेक
फिनलैंड से लौटे शिक्षकों ने कक्षाओं का वातावरण पूरी तरह बदल दिया है।
हेड टीचर लवजीत सिंह ग्रेवाल के अनुसार, बच्चों को लगातार पढ़ाना असरदार नहीं होता। इसलिए फिनलैंड की तरह अब हर दो पीरियड के बाद छोटा ब्रेक दिया जाता है।
इससे बच्चों की कंसंट्रेशन बढ़ी, तनाव कम हुआ और पढ़ाई में रुचि भी बढ़ी है।
किताबों से बाहर सीखना: खेतों, बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा
नए मॉडल के तहत सीखने को कक्षा से निकालकर जीवन से जोड़ा गया है:
- बच्चों को धान के खेतों में ले जाकर रोपाई की प्रक्रिया समझाई गई।
- EVS के पाठ को समझाने के लिए छात्रों को बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण कराया गया।
- कम पेड़ वाले इलाकों में ज्यादा नुकसान क्यों होता है, बच्चों ने खुद अनुभव किया।
यह व्यावहारिक शिक्षा किताबों से कई गुना ज्यादा प्रभावी साबित हुई।

लाइफ स्किल्स की पढ़ाई: लड़कियाँ वेल्डिंग, लड़के सिलाई सीखेंगे
फिनलैंड की तरह पंजाब में भी अब परंपरागत सोच को हटाया जा रहा है।
स्कूलों में लड़कों को सिलाई और लड़कियों को वेल्डिंग जैसे कौशल सिखाए जा रहे हैं। उद्देश्य है—हर बच्चे को जीवन कौशल देना।
मॉम वर्कशॉप्स: घर और स्कूल का नया रिश्ता
पटियाला के कपूरी गांव में हेड टीचर जगजीत वालिया ने “Mom Workshops” शुरू की हैं।
इनमें माताएँ बच्चों के साथ गतिविधियों में भाग लेती हैं—रंग भरना, पहेलियाँ सुलझाना आदि।
इससे घर और स्कूल का रिश्ता मजबूत हुआ है और माता-पिता शिक्षा से अधिक जुड़ रहे हैं।
तनाव-मुक्त शिक्षा से बढ़ी उपस्थिति
फिनलैंड से प्रेरित कई गतिविधियाँ—जैसे रंग भरना, मिट्टी के मॉडल बनाना—ने बच्चों का तनाव कम किया है।
क्लस्टर हेड टीचर कविंदर कुमार बताते हैं कि इससे बच्चों की अटेंडेंस में बड़ा सुधार देखा गया है।
स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए चिल्ड्रन्स डे पर ‘जंबो’ नाम का गुब्बारों से बनाया गया छात्र भी पेश किया गया, जिसे बच्चे बेहद पसंद कर रहे हैं।
जनवरी 2026 से राज्यभर में लागू होगी नई ट्रेनिंग
शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा ने बताया कि जनवरी 2026 से फिनलैंड-ट्रेंड शिक्षक पूरे पंजाब में अपनी टीमों को ट्रेन करेंगे।
इसके अलावा:
- साइकोमेट्रिक लैब की स्थापना
- फिनलैंड के साथ अध्ययन सामग्री साझा करने के समझौते
- आधुनिक शिक्षा तकनीकों का विस्तार
पर तेजी से काम जारी है।
मान सरकार का विज़न: हर बच्चे को खुशहाल और आधुनिक शिक्षा
मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल ने सरकारी स्कूलों में नई ऊर्जा भर दी है।
यह सिर्फ विद्यालयों का सुधार नहीं, बल्कि पंजाब के भविष्य में निवेश है।
सरकार का उद्देश्य है—एक ऐसा पंजाब जहाँ हर बच्चा खुश हो, आत्मविश्वासी हो और दुनिया के स्तर की शिक्षा पाए।

