नई दिल्ली:
विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक यानी वीबी-जी राम जी के लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मनरेगा पर “बुलडोजर चला दिया है।”
सोनिया गांधी ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि अब यह तय किया जाएगा कि किसे रोजगार मिलेगा, कितना मिलेगा, कहां और किस तरह से मिलेगा—और यह फैसला ज़मीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठी सरकार करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे ग्रामीण भारत के लोगों का अधिकार कमजोर हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि उन्हें आज भी याद है कि करीब 20 वर्ष पहले, जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब मनरेगा कानून संसद में सर्वसम्मति से पारित हुआ था। यह एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम था, जिसने लाखों ग्रामीण परिवारों को लाभ पहुंचाया। इस कानून ने रोजगार को कानूनी अधिकार बनाया और पंचायतों को सशक्त किया। मनरेगा के माध्यम से महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया गया था।
सोनिया गांधी ने अफसोस जताते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने न केवल मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाया, बल्कि बिना किसी व्यापक चर्चा और सलाह के इसकी पूरी संरचना को मनमाने ढंग से बदल दिया है।
गौरतलब है कि वीबी-जी राम जी विधेयक गुरुवार को संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ। इस पर सफाई देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शुरुआत में योजना का नाम केवल नरेगा था और यह महात्मा गांधी के नाम पर नहीं थी। वर्ष 2009 के चुनावों से पहले इसमें गांधी जी का नाम जोड़ा गया था। सरकार के इस तर्क को लेकर विपक्ष ने संसद के भीतर और बाहर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में ग्रामीण रोजगार, संघीय ढांचे और पंचायतों की भूमिका को लेकर एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।

