शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अंतरिम समिति ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को उनके पद से हटाने का बड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय SGPC के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी और ज्ञानी रघबीर सिंह के बीच हुए विवाद के बाद लिया गया।
ज्ञानी रघबीर सिंह की प्रतिक्रिया
पद से हटाए जाने के बाद, आज पहली बार ज्ञानी रघबीर सिंह ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने संतोष प्रकट करते हुए कहा, “जब तक गुरु की इच्छा रहती है, तब तक ही सेवा की जा सकती है।” उन्होंने आगे कहा कि वह गुरु की मर्यादा में पूरी तरह संतुष्ट हैं और जो कुछ भी हुआ, उसे पूरी तरह स्वीकार करते हैं।
उन्होंने कहा, “श्री गुरु साहिब ने मुझ पर कृपा की, जिससे मुझे तख्त साहिब और गुरु पंथ की महान सेवा करने का अवसर मिला।” उन्होंने यह भी कहा कि वह गुरु साहिब का धन्यवाद करते हैं कि उनकी सेवा को स्वीकार किया गया और उनकी हुई गलतियों को माफ किया जाए।
SGPC का बड़ा निर्णय
यह निर्णय SGPC की अंतरिम समिति द्वारा हाल ही में लिया गया, जिसके तहत ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त के जत्थेदार पद से हटा दिया गया। हालांकि, वह अभी भी श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी के रूप में अपनी सेवा जारी रखेंगे।