पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) के हयातपुर रुड़की गांव में पैदा हुईं डॉ. परविंदर कौर ने ऑस्ट्रेलिया की संसद में इतिहास रच दिया। उन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की संसद में सदस्य के रूप में श्री गुटका साहिब को हाथ में लेकर शपथ ली। यह उपलब्धि न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।
डॉ. परविंदर बचपन से ही विज्ञान में रुचि रखती थीं। 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने लुधियाना के कृषि विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। वहां से बीएससी और एमएस की डिग्री हासिल करने के बाद, वे उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गईं। वहां उन्होंने फसलों के डीएनए और पशु चारे से निकलने वाली मीथेन गैस पर शोध किया। उनके इस शोध को इतना महत्व मिला कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया।
ऑस्ट्रेलिया में डॉ. परविंदर ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम किया। उनकी मेहनत और पंजाबी समुदाय में मजबूत प्रभाव के कारण, ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी ने उन्हें उच्च सदन के लिए उम्मीदवार चुना। पंजाबी समुदाय के समर्थन से उनकी जीत हुई, और वे ऑस्ट्रेलिया की संसद में पहुंचने वाली पहली पंजाबी महिला बनीं।
डॉ. परविंदर कौर की यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी भारतीयों, खासकर पंजाबी समुदाय के लिए प्रेरणा है। उन्होंने अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामुदायिक जुड़ाव के जरिए दिखाया कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देती है।