भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग को मनीमाजरा पुलिस स्टेशन ने 7 करोड़ रुपये के चेक बाउंस मामले में गिरफ्तार किया है। अदालत में पेशी के बाद, अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह मामला जलटा फूड एंड बेवरेज कंपनी से जुड़ा हुआ है, जिसके निदेशक विनोद सहवाग, विष्णु मित्तल और सुधीर मल्होत्रा के खिलाफ एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
हिमाचल प्रदेश के बद्दी में स्थित श्री नैणा प्लास्टिक फैक्ट्री के मालिक कृष्ण मोहन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि दिल्ली स्थित जलटा फूड एंड बेवरेज कंपनी ने उनकी फैक्ट्री से कुछ सामान खरीदा था। इसके भुगतान के लिए कंपनी ने 7 करोड़ रुपये का चेक जारी किया, लेकिन जब शिकायतकर्ता ने यह चेक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, मनीमाजरा में जमा किया, तो खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया।
जब शिकायतकर्ता को भुगतान नहीं मिला, तो उन्होंने धारा 138 (नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट) के तहत अदालत में केस दायर किया। लेकिन जब आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए, तो 2022 में अदालत ने तीनों को भगोड़ा घोषित कर दिया और पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
अदालत के आदेश के बाद, 25 सितंबर 2023 को मनीमाजरा पुलिस स्टेशन ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया था।
गिरफ्तारी के बाद, विनोद सहवाग ने अपने खिलाफ दर्ज 174 मामलों में जमानत याचिका दायर की है। अदालत ने मनीमाजरा पुलिस स्टेशन को इस पर 10 मार्च 2025 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा, चेक बाउंस से जुड़े धारा 138 के मामलों की सुनवाई भी अदालत में होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं विनोद सहवाग
गौरतलब है कि वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग का नाम पहले भी वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के मामलों में आ चुका है। हालांकि, इस बार उनकी गिरफ्तारी के बाद मामला गंभीर हो गया है, और सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं।