हरियाणा:
राज्य में स्पेशल मेडिकल ऑफिसर्स (SMOs) की सीधी भर्ती सहित विभिन्न मांगों पर समाधान न निकलने के चलते सरकारी डॉक्टरों की दो दिन की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही। सोमवार सुबह ओपीडी खुलने के बावजूद कई जिलों में डॉक्टर अपने दफ्तरों में उपस्थित नहीं थे, जिससे मरीजों को लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ा।
कई जिलों में सेवाएं प्रभावित, कुछ में हालात सामान्य
पंचकूला, सोनीपत और बहादुरगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं, जबकि यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और कैथल में हालात सामान्य बताए गए।
अशांति की आशंका को देखते हुए भिवानी और हिसार में धारा 163 लागू की गई है। हिसार में डीसी द्वारा निरीक्षण के बाद रिपोर्ट मिली कि मेडिकल कॉलेज, पीजी के छात्र और वैकल्पिक स्टाफ ओपीडी और इमरजेंसी संभाल रहे हैं, जिससे सेवाएं काफी हद तक सामान्य रहीं।
आपातकाल में महिला की जान बचाई गई
हड़ताल के पहले दिन झज्जर के इमरजेंसी वार्ड में पहुंची एक महिला का समय पर इलाज कर उसकी जान बचाई गई और बाद में उसे पीजीआई रेफ़र किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि अगर उसे प्राथमिक उपचार न दिया जाता, तो उसकी हालत गंभीर हो सकती थी।
डॉक्टरों की चेतावनी—10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल
एचसीएमएस एसोसिएशन ने दोबारा साफ किया है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो डॉक्टर 10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे।
एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉ. राजेश खियालिया ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल से पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता।
डॉक्टरों की मुख्य दो मांगें हैं:
- सीनियर मेडिकल ऑफिसर्स (SMOs) की सीधी भर्ती बंद की जाए
- संशोधित एसीपी संरचना की अधिसूचना जारी की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा—डॉक्टरों की चिंताएं सुनी जाएंगी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बयान जारी कर कहा कि सरकार बातचीत के जरिए समाधान खोज रही है।
उन्होंने बताया कि मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे हैं और उनकी हर चिंता सुनी जाएगी।
हरियाणा में हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं कई जगह प्रभावित हैं और यदि समाधान नहीं निकला तो 10 दिसंबर से हालात और गंभीर हो सकते हैं।

