भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संसद व्यवधान से त्रस्त है। अव्यवस्था सामान्य व्यवस्था बन गई है। उन्होंने कहा कि गतिशील लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं होगा जब कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच कोई मतभेद न हो। इन्हें आपसी सहयोग से हल करने की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद से लोकसभा में लगातार व्यवधान देखा जा रहा है। विपक्षी सदस्य अदाणी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रहे हैं। बता दें कि यह टिप्पणी विपक्षी नेताओं के आरोपों की पृष्ठभूमि में आई है कि सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर उन्हें निशाना बना रही है। जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत को अपनी न्यायिक प्रणाली पर गर्व है। पृथ्वी पर आपको ऐसा सुप्रीम कोर्ट कहां मिलेगा जो मानहानि मामले में किसी आरोपित को राहत देने के लिए बिजली की गति से काम करता हो। प्रधान न्यायाधीश की वैश्विक छवि के साथ बेदाग साख है। बता दें कि उपराष्ट्रपति की यह टिप्पणी जर्मनी द्वारा यह कहे जाने के मद्देनजर आई है जो उन्होंने लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने पर दिया है।