पंजाब के महिंगोवाल क्षेत्र में दशकों से चली आ रही एक बड़ी समस्या का समाधान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने यहां लंबे समय से जर्जर और टूटे पड़े पुल के पुनर्निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी है। यह पुल करीब 50 गांवों के लोगों के लिए जीवनरेखा साबित होगा, जो वर्षों से जोखिम भरे सफर और लंबी दूरी तय करने को मजबूर थे।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, पुल का निर्माण पूरा होने के बाद क्षेत्र की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा और हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित व सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी। अब तक यह टूटा हुआ पुल खासकर बरसात के मौसम में लोगों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बनता था, जिससे गांवों का संपर्क पूरी तरह कट जाता था।
ग्रामीणों का कहना है कि पुल की खराब हालत के कारण एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कई बार मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका, जिससे जान-माल का नुकसान भी हुआ। अब मान सरकार ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए पुल निर्माण को प्राथमिकता दी है।
महिंगोवाल और आसपास के गांवों के लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि पुल की मरम्मत की मांग वर्षों से की जा रही थी, लेकिन पिछली सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। आम आदमी पार्टी सरकार के सत्ता में आने के बाद ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का जो वादा किया गया था, यह परियोजना उसी दिशा में एक अहम कदम है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पुल निर्माण में आधुनिक तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, ताकि इसकी मजबूती और दीर्घकालिक टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके। परियोजना को तय समय-सीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही स्थानीय मजदूरों और ठेकेदारों को रोजगार मिलने से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।
पंजाब सरकार बीते कुछ महीनों से ग्रामीण इलाकों में सड़कों, पुलों, बिजली और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर विशेष जोर दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट न सिर्फ ग्रामीण जीवन स्तर को सुधारेंगे, बल्कि युवाओं के पलायन को भी रोकने में मददगार साबित होंगे।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि नए पुल के बनने से बच्चों को स्कूल जाने, किसानों को अपनी फसल बाजार तक पहुंचाने और बुजुर्गों व महिलाओं को सुरक्षित आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस पहल को जनहित के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक बताया है।
महिंगोवाल पुल परियोजना यह दर्शाती है कि जब सरकार जमीनी समस्याओं को प्राथमिकता देती है, तो विकास का असर सीधे आम जनता के जीवन में दिखाई देता है।

