ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को वहां 20 दिन की कैद में भयानक मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ीं। अब उनकी मानसिक स्थिति को स्थिर करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने 14 मई को पूर्णम को भारत को सौंपा था। पूर्णम ने बताया कि उनके साथ जासूस जैसा व्यवहार किया गया और उन्हें रात में सोने तक नहीं दिया गया। उनकी पत्नी रजनी से फोन पर बातचीत में उन्होंने अपनी आपबीती साझा की, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूर्णम को लगातार जगाकर पूछताछ की और ऐसी हरकतें कीं मानो वह रॉ या आईबी के जासूस हों। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रजनी ने बताया कि पूर्णम को शारीरिक यातना तो नहीं दी गई, लेकिन मानसिक रूप से तोड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। उन्हें खाना तो मिला, लेकिन ब्रश करने की अनुमति तक नहीं थी। उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर अलग-अलग जगहों पर रखा गया, और एक स्थान पर बार-बार हवाई जहाज की आवाज से उन्हें परेशान किया गया। रजनी ने कहा कि उनके पति की आवाज से थकान और तनाव झलक रहा था। वह चाहती हैं कि पूर्णम जल्द घर लौटें, वरना वह खुद उनसे मिलने जाएंगी।
पूर्णम फिलहाल डॉक्टरों और बीएसएफ अधिकारियों की निगरानी में हैं। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उनके जल्द घर लौटने की उम्मीद है।