गुजरात एटीएस ने फरीदाबाद एसटीएफ की मदद से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया, जिस पर आतंकी संगठनों से जुड़े होने का शक है। गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहमान के पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए, जिन्हें फरीदाबाद में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा डिफ्यूज किया गया। पूछताछ में राम मंदिर को टारगेट बनाने की साजिश का खुलासा हुआ है।
गुजरात ले जाया गया आरोपी
अब्दुल रहमान, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, को 2 मार्च 2025 को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद गुजरात एटीएस उसे पूछताछ के लिए गुजरात ले गई। उसके पास से कट्टरपंथी साहित्य (रेडिकल मटेरियल) भी मिला है, जिससे आतंकी गतिविधियों की पुष्टि हो सकती है।
कैसे रची गई साजिश?
सूत्रों के अनुसार, अब्दुल रहमान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था और कई कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ा हुआ था। वह फैजाबाद में मटन की दुकान चलाता था और ऑटो चालक के रूप में भी काम करता था।
जांच में पता चला है कि उसने कई बार अयोध्या के राम मंदिर की रेकी (जासूसी) की और यह जानकारी पाकिस्तान ISI को भेजी। साजिश के तहत, वह फैजाबाद से ट्रेन के जरिए फरीदाबाद पहुंचा, जहां उसने एक हैंडलर से दो हैंड ग्रेनेड हासिल किए। इसके बाद, वह अयोध्या लौटकर हमले की योजना बना रहा था, लेकिन उससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
गुप्त सूचना के आधार पर, गुजरात एटीएस और फरीदाबाद एसटीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया। पूछताछ में, उसने हथियारों के छिपाए जाने की जानकारी दी, जिसके बाद टीम ने पाली इलाके के एक खंडहर मकान की चार घंटे तक तलाशी ली और दो जिंदा हैंड ग्रेनेड बरामद किए।