सिक्किम की राजधानी गंगटोक में हिमस्खलन हुआ है। इस हिमस्खलन में 6 टूरिस्ट की मौत और 150 लोगों के बर्फ में फंसे होने की खबर सामने आई है। मरने वालों में चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल है। यह घटना दोपहर गंगटोक को नाथुला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जहां पर हादसा हुआ वहां जाने के लिए पास जारी होता है। 13 मील तक आगे जाने की ईजाज़त दी जाती है पर सैलानी 15 मील तक चले गए थे।
बता दें कि बर्फ या पत्थरों के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन कहते हैं। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की और गिरने लगती हैं। हिमस्खलन तीन तरह के होते हैं 1. चट्टानी हिमस्खलन, इनमें बड़े-बड़े चट्टानों के टुकड़े होते हैं। 2. हिमस्खलन, इनमें बर्फ पाउडर या बड़े-बड़े टुकड़ों के रूप में होती है। 3. मलबे के हिमस्खलन, इसमें पत्थर और मिट्टी समेत कई तरह के मटेरियल होते हैं। आमतौर पर हिमस्खलन सर्दियों में होता है और इसके दिसंबर से अप्रैल में होने के आसार ज्यादा रहते हैं।