केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने नॉर्थ ईस्ट दौरे के तहत असम के गोलाघाट जिले के डेरगांव में स्थित लचित बरफुकन पुलिस अकादमी के पहले चरण का 15 मार्च 2025 को उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने दूसरे चरण की आधारशिला भी रखी।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में असम तेजी से विकास कर रहा है। जो राज्य कभी उग्रवाद और हिंसा के लिए चर्चा में रहता था, आज अपनी प्रगति और औद्योगिक विकास के लिए जाना जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय तक असम को दंगों में झोंक कर रखा गया, लेकिन अब शांति और विकास का दौर जारी है।
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी सरकार में कई ऐतिहासिक शांति समझौते हुए, जिनके कारण हजारों युवाओं ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में वापसी की। उन्होंने यह भी कहा कि जहां कभी आंदोलन, हिंसा और आतंकवाद की चर्चा होती थी, वहीं अब असम सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री जैसी अत्याधुनिक परियोजनाओं के लिए तैयार हो रहा है।
“जब मुझे असम में जेल भेजा गया…”
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, अमित शाह ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा, “असम में कांग्रेस सरकार के दौरान मुझे भी गिरफ्तार किया गया था। उस समय हितेश्वर सैकिया मुख्यमंत्री थे। हम इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगाते थे – ‘असम की गलियां सुनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी है’। तब मुझे सात दिनों तक जेल में रहना पड़ा था, लेकिन आज असम एक नए विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है।” हितेश्वर सैकिया ने 1983-85 और 1991-96 के दौरान असम के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह ने गृह मंत्री को नवीनीकृत अकादमी और उसके विभिन्न केंद्रों की जानकारी दी। अमित शाह ने भवन का निरीक्षण किया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत कई अन्य नेता और अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, लचित बरफुकन पुलिस अकादमी का विस्तार दो चरणों में किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत लगभग 1,024 करोड़ रुपये आंकी गई है।