देश अब भी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को नहीं भूला है। इस हमले में कई निर्दोष लोग मारे गए थे और कई अभी भी अस्पताल में इलाजरत हैं। घटना के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं और जांच एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं। खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के उन स्थानीय आतंकियों की सूची तैयार की है जो पाकिस्तानी आतंकियों को शरण और संसाधन उपलब्ध कराते हैं।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। एक-एक कर इनके घर ढहाए जा रहे हैं। शनिवार को पुलवामा और कुलगाम जिलों में आईईडी धमाकों के जरिए आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया गया। जांच एजेंसियों की लिस्ट में 14 सक्रिय आतंकियों के नाम सामने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, आदिल रहमान डेंटू लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सोपोर कमांडर है और 2021 से आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय है। पहलगाम हमले के बाद उसकी तलाश तेज कर दी गई है। उसी तरह, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी आसिफ अहमद शेख अवंतीपोरा का जिला कमांडर है, जो 2022 से सक्रिय है।
इसके अलावा, अहसान अहमद शेख (लश्कर-ए-तैयबा), हरीश नजीर (लश्कर-ए-तैयबा), अमीर नजीर वानी (जैश-ए-मोहम्मद), यावर अहमद भट (जैश-ए-मोहम्मद), आसिफ अहमद कांडे (हिज्बुल मुजाहिदीन), नसीर अहमद वानी (लश्कर-ए-तैयबा), शाहिद अहमद कुटे (लश्कर और टीआरएफ), अमीर अहमद डार (लश्कर और टीआरएफ), अदनान सफी डार (लश्कर और टीआरएफ), जुबैर अहमद वानी (हिज्बुल मुजाहिदीन), हारून राशिद गनी (हिज्बुल मुजाहिदीन), और जुबैर अहमद गनी (लश्कर-ए-तैयबा) जैसे कई आतंकी सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं।