खबर रांची की है जहाँ एक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए जेल भेज दिया गया क्योंकि उसका नाम आरोपी के नाम से मिलता था। हैरानी की बात तो ये है कि निर्दोष व्यक्ति एक या दो दिन नहीं ब्लकि पूरे 17 महीने तक जेल में रह कर आया है। दरअसल पुलिस ने मुख्य आरोपी सूरज कुमार सोनी को जेल भेजना था पर पुलिस ने उसी नाम के एक दूसरे व्यक्ति को जेल भेज दिया।
घटना 9 सितंबर 2021 की है जब नगड़ी में बिरसा महतो के यहां तीज पूजा चल रहा था। विमल व सूरज कुमार सोनी के बीच विवाद हो गया सूरज अपने दोस्त प्रिंस सोनी के साथ मिलकर विमल को ऑटो में बैठाकर ले गया। दूसरे दिन विमल महतो का शव लावारिस हाल मे पिस्का रेलवे स्टेशन के पास मिला। मृत युवक के भाई बरजू महतो के बयान पर पुलिस ने सूरज व प्रिंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। नगड़ी पुलिस ने 12 सितंबर 2021 को प्राथमिक अभियुक्त सूरज कुमार सोनी को गिरफ्तार करने के लिए पिस्का के गोसाईंटोला में रहने वाले सूरज कुमार सोनी को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।
निर्दोष सूरज की मां न्याय के लिए दौड़ती रही। उन्होंने तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा से लेकर डीजीपी तक शिकायत की, लेकिन किसी ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की। इसके बाद सीआईडी मुख्यालय से इस मामले में जांच के आदेश दिए गये। एसपी संध्या रानी मेहता को निर्देश दिया गया है कि पूरे मामले की जांच करें औऱ पता करें कि इस मामले में सच क्या है। रांची क्राइम ब्रांच टीम को जांच का आदेश दिया गया। जांच में सूरज निर्दोष पाया गया मां ने दावा किया कि कोर्ट में मृतक के भाई, मौजूदा प्रत्यक्षदर्शी, आयोजनकर्ता समेत छह लोगों की गवाही दी कि सूरज कुमार सोनी घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। आरोपी सूरज कुमार सोनी अब भी खुलेआम घूम रहा है। मुख्य आरोपी उनके घर आकर धमकी देता है।