सामाजिक कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और कल्याण को लेकर एक विशेष जागरूकता एवं संवेदनशीलता कार्यक्रम का आयोजन होटल माउंटव्यू, सेक्टर-10 में किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के प्रति सम्मान और समानता की भावना को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री सत्य पाल जैन, अध्यक्ष, सामाजिक कल्याण समिति एवं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया ने शिरकत की। इस मौके पर सचिव सामाजिक कल्याण श्रीमती अनुराधा चगटी, निदेशक श्रीमती पालिका अरोड़ा, सीसीपीसीआर अध्यक्ष श्रीमती शिप्रा बंसल, श्री अंकित श्रीवास्तव (अवर सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय), और श्री मयंक भारद्वाज, (राष्ट्रीय समन्वयक, SMILE ट्रांसजेंडर पर्सन्स) भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य, स्कूलों व कॉलेजों की एंटी-डिस्क्रिमिनेशन सेल के प्रतिनिधि तथा ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड के सदस्य भी शामिल हुए।
🔹 प्रमुख बातें (Highlights)
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सम्मानपूर्वक जीवन पर जोर:
श्री सत्य पाल जैन ने कहा कि समाज को ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति संवेदनशील होना चाहिए ताकि वे गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर सकें। -
नीतियों के प्रचार की आवश्यकता:
जैन ने अपील की कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए बनी सरकारी योजनाओं और नीतियों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो, जिससे उन्हें वास्तविक लाभ मिल सके। -
“PRIDE” जर्नल का विमोचन:
पंजाब विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ट्रांस स्टडीज़ द्वारा तैयार “PRIDE” जर्नल के आवरण पृष्ठ का विमोचन किया गया। -
पैनल चर्चा में विशेषज्ञों की भागीदारी:
चर्चा में डॉ. गुलशन कुमार, डॉ. नवनीत ई. अरोड़ा, डॉ. उपनीत कौर मंगट, डॉ. संजय कुमार भदाड़ा, श्री अथर जंग, मक्स. अभिनव आहर और मक्स. धनंजय चौहान शामिल रहे। -
विषय रहे केंद्र में:
चर्चा में पहचान, सामाजिक कलंक, स्वास्थ्य, शिक्षा, मानवाधिकार और रोजगार अवसरों पर विशेष फोकस रहा। -
वन-स्टॉप सुविधा केंद्र:
कार्यक्रम स्थल पर रोजगार विनिमय, डीसी कार्यालय, आधार, चुनाव आयोग, बैंक, और एड्स नियंत्रण सोसायटी सहित कई विभागों ने अपने स्टॉल लगाए ताकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सभी सेवाएं एक ही स्थान पर मिल सकें।
💬 सचिव अनुराधा चगटी का बयान:
“ट्रांसजेंडर समुदाय के सशक्तिकरण के लिए हमें जागरूकता के साथ अवसर भी देने होंगे। समाज की सोच में बदलाव लाना ही वास्तविक समानता की दिशा में पहला कदम है।”

