उत्तर प्रदेश
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की शोभा दिन-ब-दिन और बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में राम मंदिर को एक अत्यंत दुर्लभ और बहुमूल्य प्रतिमा प्राप्त हुई है, जिसे बेंगलुरु से अयोध्या भेजा गया है। यह सोने से बनी भगवान राम की भव्य मूर्ति हीरे और पन्नों से जड़ी हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है।
यह अनमोल प्रतिमा इंडिया पोस्ट (डाक सेवा) के माध्यम से लगभग 1,900 किलोमीटर की दूरी तय कर सुरक्षित रूप से अयोध्या पहुंची। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने इसे भारत के डाक इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया।
डॉ. पेम्मासानी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि इंडिया पोस्ट ने न केवल एक बहुमूल्य धरोहर को सुरक्षित पहुंचाया, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को भी सम्मान दिया। उन्होंने बताया कि भगवान राम की 800 किलोग्राम वजनी तंजावुर शैली की पेंटिंग/प्रतिमा, जिसकी कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये आंकी गई है, को बेंगलुरु से अयोध्या तक पूरी सुरक्षा और सटीकता के साथ पहुंचाया गया।
गुमनाम श्रद्धालु का दान
जानकारी के अनुसार, यह प्रतिमा कर्नाटक के एक गुमनाम श्रद्धालु द्वारा राम मंदिर को दान की गई है। प्रतिमा की ऊंचाई करीब 10 फीट और चौड़ाई 8 फीट बताई जा रही है। इसे दक्षिण भारतीय पारंपरिक कारीगरी से तैयार किया गया है, जो इसे और भी विशिष्ट बनाती है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि फिलहाल दानकर्ता की पहचान सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि 800 किलोग्राम वजनी इस प्रतिमा की कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
कहां होगी स्थापना
राम भक्तों के लिए यह प्रतिमा आकर्षण का बड़ा केंद्र बनने वाली है। इसे संत तुलसीदास मंदिर के पास अंगद टीला पर स्थापित किए जाने पर विचार किया जा रहा है। स्थापना से पहले इसका विधिवत उद्घाटन किया जाएगा, जिसके बाद एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होगा। इस समारोह में देशभर से संतों और महंतों को आमंत्रित किया जाएगा।
राम मंदिर को मिला यह गुप्त और भव्य दान न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय कला, संस्कृति और श्रद्धा की अद्भुत मिसाल भी प्रस्तुत करता है।

