चंडीगढ़ | (24 दिसंबर 2025):
पंजाब की मान सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक और दूरदर्शी कदम उठाते हुए सरकारी स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित करियर मार्गदर्शन प्रणाली की शुरुआत की है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि विद्यार्थियों को करियर चयन के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में 25 स्कूलों में AI-आधारित करियर गाइडेंस लैब्स का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
इस पहल का शुभारंभ शिक्षा मंत्री ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नंगल और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बालिकाएं), श्री आनंदपुर साहिब में एक साथ इन लैब्स का उद्घाटन कर किया। यह कार्यक्रम एड-टेक पार्टनर “बियॉन्ड मेंटर” के सहयोग से लागू किया गया है, जिसके तहत विद्यार्थियों को निःशुल्क करियर मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
सही समय पर सही मार्गदर्शन पर फोकस
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं को सही समय पर आधुनिक और वैज्ञानिक संसाधनों से सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि पायलट चरण में शामिल 25 स्कूलों के प्रदर्शन, विद्यार्थियों के परिणाम और कार्यक्रम की प्रभावशीलता की निरंतर निगरानी की जाएगी। इसके सफल क्रियान्वयन के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे पंजाब में विस्तार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से पंजाब देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल होगा, जो सरकारी शिक्षा प्रणाली में योजनाबद्ध AI-आधारित करियर गाइडेंस को अपनाएंगे। यह कदम मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था के अनुरूप विद्यार्थियों को तैयार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हर विद्यार्थी के लिए समान अवसर
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि करियर मार्गदर्शन केवल आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग तक सीमित नहीं होना चाहिए। इसी सोच के तहत सरकारी स्कूलों में संरचित AI-आधारित काउंसलिंग सुविधा शुरू की गई है, ताकि सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से परे हर बच्चे को अपने भविष्य की दिशा चुनने का अवसर मिल सके।
AI लैब्स कैसे करेंगी काम
AI-आधारित करियर गाइडेंस लैब्स में विद्यार्थियों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर AI-संचालित योग्यता और रुचि मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके आधार पर सिस्टम एक व्यक्तिगत करियर रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें शैक्षणिक और व्यावसायिक संभावनाओं को दर्शाया जाएगा। इसके बाद पेशेवर काउंसलर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ वन-टू-वन सत्र आयोजित कर एक व्यावहारिक करियर योजना तैयार करेंगे।
मंत्री ने बताया कि यह मॉडल पारंपरिक तरीकों से अलग है और इसमें छठी कक्षा से ही डेटा-आधारित, व्यक्तिगत मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
समग्र विकास की ओर शिक्षा
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह ने कहा कि यह पहल परीक्षा-केंद्रित शिक्षा से आगे बढ़कर विद्यार्थियों के समग्र विकास पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि ये लैब्स छात्रों को अंकों की दौड़ से हटकर अपने प्राकृतिक कौशल को पहचानने और उन्हें ठोस करियर लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेंगी।
छात्रों और अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
कार्यक्रम से लाभान्वित छात्राओं ने भी इसे एक सराहनीय पहल बताया। नंगल के सरकारी स्कूल की कक्षा 9 की छात्रा अक्षित्ता ने कहा कि इस काउंसलिंग से उन्हें करियर की नई संभावनाओं के बारे में जानकारी मिली, जो पहले केवल निजी स्कूलों तक सीमित थी। उनके पिता विशाल शर्मा ने सरकार की समावेशी सोच की सराहना करते हुए कहा कि अपनी बेटी के साथ काउंसलिंग सत्र में शामिल होना उनके लिए एक भरोसेमंद और मूल्यवान अनुभव रहा।
वहीं, श्री आनंदपुर साहिब की कक्षा 6 की छात्रा शरण ने कहा कि इस कार्यक्रम से उन्हें अपनी रुचियों और व्यक्तित्व को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली है और अब वे अपने करियर को लेकर अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रही हैं।
मान सरकार की यह पहल न केवल शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बना रही है, बल्कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी वैश्विक स्तर के करियर अवसरों के लिए तैयार करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है।

