चंडीगढ़ | (24 दिसंबर 2025):
पंजाब की मान सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पशुधन की सुरक्षा और सुदृढ़ीकरण की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है। पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग ने न केवल वर्ष भर कई उपलब्धियां दर्ज कीं, बल्कि बाढ़ संकट के दौरान राज्य के पशुधन को बचाने में भी मिसाल कायम की।
पशुपालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित राज्य के 12 जिलों में पशुधन की सुरक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए गए। 713 प्रभावित गांवों में 492 रैपिड-रिस्पॉन्स वेटरनरी टीमों को तैनात किया गया और 24 घंटे का इमरजेंसी ग्रिड स्थापित किया गया। इस दौरान 3.19 लाख से अधिक पशुओं को मुफ्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराया गया।
मंत्री ने कहा कि विभागीय टीमों ने जमीनी स्तर पर अथक परिश्रम करते हुए न केवल इलाज किया, बल्कि बीमारियों के फैलाव को भी रोका, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ पशुधन सुरक्षित रहे।
बाढ़ राहत और रोकथाम के व्यापक कदम
बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए इलाज के साथ-साथ रोकथाम पर भी जोर दिया गया। गलघोटू रोग से बचाव के लिए 2.53 लाख से अधिक पशुओं को मुफ्त बूस्टर डोज दी गई। जिला प्रशासन और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से पशुओं के लिए व्यापक इंतजाम किए गए, जिनमें 20,000 क्विंटल से अधिक फीड, 16,000 क्विंटल से ज्यादा साइलिज, हजारों क्विंटल चारा व तूड़ी, 234 क्विंटल मिनरल मिक्सचर, 68,000 से अधिक डी-वॉर्मर डोज और 194 किलोग्राम पोटैशियम परमैंगनेट शामिल है। इसके अलावा, पशुपालकों को आपदा के दौरान मार्गदर्शन देने के लिए 1,619 जागरूकता शिविर आयोजित किए गए।
पशु स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण
विभाग की प्रगति को रेखांकित करते हुए मंत्री ने बताया कि राज्य के पॉलीक्लिनिकों के लिए 22 आधुनिक पशु लिफ्टर खरीदे गए हैं। गurdaspur, पटियाला, लुधियाना, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब और अमृतसर स्थित छह पॉलीक्लिनिकों को बेहतर पशु देखभाल के लिए नए आईपीडी यूनिट्स से अपग्रेड किया गया।
इसके साथ ही, पूरे पंजाब में एक मजबूत रोकथाम स्वास्थ्य सुरक्षा कवच तैयार किया गया। अधिकारियों के अनुसार, लम्पी स्किन डिजीज से बचाव के लिए 24.27 लाख मुफ्त डोज, मुंह-खुर रोग के खिलाफ 126.22 लाख डोज और गलघोटू के विरुद्ध 68.88 लाख डोज लगाए गए।
उन्नत तकनीक से पशु निदान
पटियाला वेटरनरी पॉलीक्लिनिक में 54 लाख रुपये की लागत से एलनगोर-800 एमए डिजिटल रेडियोग्राफी सिस्टम स्थापित किया गया है। इससे पशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं का एक्स-रे फिल्म-फ्री त्वरित निदान संभव होगा। यह प्रणाली हड्डियों के फ्रैक्चर, बोन कैंसर, किडनी स्टोन और शरीर में बाहरी वस्तु जैसी समस्याओं की तुरंत पहचान कर स्क्रीन पर स्पष्ट चित्र उपलब्ध कराती है। पहले यह सुविधा केवल लुधियाना वेटरनरी यूनिवर्सिटी में उपलब्ध थी।
नस्ल सुधार, डेयरी और मत्स्य पालन में प्रगति
पशुओं की नस्ल सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच 1.82 लाख सेक्स-सॉर्टेड सीमेन डोज का उपयोग किया गया, जिससे उच्च-मूल्य वाली बछियों के जन्म में वृद्धि हुई।
मत्स्य पालन क्षेत्र में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 187 लाभार्थियों को 5.82 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई। राज्य में 43,683 एकड़ क्षेत्र में मत्स्य पालन से 2 लाख टन से अधिक मछली उत्पादन हुआ, जबकि 985 एकड़ झींगा पालन क्षेत्र से 2,550 टन उत्पादन दर्ज किया गया। सरकार ने 15.99 करोड़ मछली बीज का उत्पादन किया और 9,200 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया।
डेयरी क्षेत्र में, हर वर्ष लगभग 8,500 किसानों को प्रशिक्षण देकर करीब 3,500 डेयरी यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत 30,734 दुधारू पशुओं का बीमा किया गया और नुकसान से प्रभावित किसानों को 9 करोड़ रुपये की सहायता दी गई।
भविष्य के लिए दूरदर्शी दृष्टि
विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने कहा कि यह वर्ष संकट में उत्कृष्ट सेवा और भविष्य के लिए दूरदर्शी योजना—दोनों का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षक उपकरणों से लेकर अत्याधुनिक प्रजनन तकनीकों तक, हर कदम का उद्देश्य पंजाब को समृद्ध और वैज्ञानिक रूप से उन्नत पशुपालन राज्य बनाना है।

