चंडीगढ़, 17 दिसंबर 2025:
पंजाब में नागरिक सेवाओं को और अधिक सुलभ, तेज़ और डिजिटल बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार 54 नए सेवा केंद्र खोलने जा रही है, जिससे पूरे पंजाब में सेवा केंद्रों की कुल संख्या बढ़कर 598 हो जाएगी। यह जानकारी प्रशासनिक सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अमन अरोड़ा ने दी।
यह घोषणा मैगसीपा में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान की गई, जिसमें नागरिक सेवा वितरण प्रणाली और सेवा केंद्रों की कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जबकि सभी जिलों के उपायुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। अतिरिक्त मुख्य सचिव डी.के. तिवाड़ी और जीजी एंड आईटी निदेशक विशेष सारंगल भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक के दौरान राज्य में संचालित 544 सेवा केंद्रों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई, जिनमें 263 शहरी और 281 ग्रामीण केंद्र शामिल हैं। ये केंद्र वर्तमान में 465 सरकारी-से-नागरिक (G2C) और 7 व्यवसाय-से-नागरिक (B2C) सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सरकार के अनुसार, पंजाब ने देश में सबसे कम पेंडेंसी दर हासिल कर एक मिसाल कायम की है।
अमन अरोड़ा ने बताया कि “रिटर्न बैक” मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो अनावश्यक आपत्तियों में गिरावट को दर्शाता है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि तय समय-सीमा के भीतर नागरिकों को सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों और शून्य पेंडेंसी हासिल करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
आईटी मंत्री ने यह भी बताया कि पटवारी, सरपंच, नंबरदार और नगर पार्षदों सहित 100 प्रतिशत फील्ड वेरिफिकेशन प्राधिकरणों को ई-सेवा, एम-सेवा और व्हाट्सऐप के माध्यम से ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ा गया है। अब तक ऑनलाइन सत्यापन के लिए लगभग 4 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 96.3 प्रतिशत का निपटारा किया जा चुका है।
अमन अरोड़ा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नए सेवा केंद्रों से जुड़ा निर्माण कार्य 15 जनवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाए। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार पहले ही ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम और नागरिक सेवा वितरण पोर्टल connect.punjab.gov.in के माध्यम से सेवाओं को घर-घर पहुंचाने की पहल कर चुकी है।
सरकार का मानना है कि इन डिजिटल पहलों से न केवल नागरिकों का समय बचेगा, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यकुशलता में भी बड़ा सुधार होगा।

