चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस स्तर पर अभियान चलाया है, उससे प्रदेश में एक नई पारदर्शी और जवाबदेह शासन व्यवस्था विकसित हुई है। एंटी करप्शन डे के अवसर पर हम उन 10 बड़े फैसलों पर नज़र डाल रहे हैं, जो यह साबित करते हैं कि मान सरकार क्यों पंजाब की सबसे ईमानदार सरकार कही जा रही है।
सबसे पहला और ऐतिहासिक कदम एंटी-करप्शन हेल्पलाइन 9501200200 की शुरुआत थी, जिसे 23 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर लॉन्च किया गया। मुख्यमंत्री मान ने इसे अपना “व्यक्तिगत व्हाट्सऐप नंबर” बताते हुए जनता से रिश्वतखोरी के सबूत भेजने की अपील की। इस हेल्पलाइन के माध्यम से हजारों शिकायतें दर्ज हुईं और कई अधिकारी कार्रवाई की जद में आए।
दूसरा बड़ा कदम “आसान रजिस्ट्री” पोर्टल का शुभारंभ है। नवंबर 2024 में शुरू हुए इस पोर्टल ने जायदाद रजिस्ट्री को पारदर्शी और सरल बनाते हुए बिचौलियों और रिश्वतखोरी पर लगाम लगाई है। अब महज ₹500 में 48 घंटे के भीतर रजिस्ट्री पूरी हो जाती है।
तीसरा महत्वपूर्ण कदम जमाबंदी और भू-अभिलेखों का पूर्ण डिजिटलीकरण है। jamabandi.punjab.gov.in पोर्टल के जरिए रिकॉर्ड ₹20 में घर बैठे उपलब्ध हैं। इससे माल विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार हुआ है।
चौथा फैसला “आप की सरकार, आपके द्वार” जैसी सेवा डिलीवरी मुहिम है। पूरे राज्य में 11,600 से अधिक कैंप लगाकर 44 सरकारी सेवाएं सीधे गांवों और शहरों में पहुंचाई गईं।
पांचवां कदम सीएम विंडो की स्थापना है, जिससे आम नागरिक सीधे अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते हैं। डीसी और एसएसपी को सीधे जिम्मेदार ठहराने के निर्देश दिए गए हैं।
छठा निर्णय विजिलेंस ब्यूरो को मजबूत करना रहा। 2024 में कई बड़े भ्रष्टाचार मामलों में पुलिसकर्मियों, इंजीनियरों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिससे सिस्टम में भय का माहौल बना।
सातवां कदम डोरस्टेप डिलीवरी सर्विस (DSD) है, जिसके तहत नागरिक 1076 पर कॉल कर 43 सरकारी सेवाएं अपने घर पर प्राप्त कर सकते हैं।
आठवां महत्वपूर्ण निर्णय लालफीताशाही विरोधी कानून को सख्ती से लागू करना है, जिससे देरी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हुई है।
नौवां फैसला ई-टेंडरिंग और ई-प्रोक्योरमेंट को अनिवार्य करना है, जिसने टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई है।
दसवां और बेहद प्रभावी कदम ड्रग माफिया से मिलीभगत करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई है, जिससे पुलिस विभाग में सुधार देखने को मिला है।
इन फैसलों का नतीजा यह रहा कि अगस्त 2024 में जायदाद रजिस्ट्री से राज्य को ₹440.92 करोड़ का राजस्व मिला, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26% अधिक है—जो साफ दिखाता है कि भ्रष्टाचार पर रोक से जनता और सरकार दोनों को लाभ मिला है।

