मान सरकार की ‘भविष्य गारंटी’ शुरू: पंजाब के हर बच्चे तक पहुँचेगी शिक्षा—घर–घर सर्वे जारी
चंडीगढ़, 21 नवंबर 2025
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने शिक्षा सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्यभर में 18 नवंबर 2025 से घर–घर शिक्षा सर्वे शुरू हो चुका है, जिसका मकसद 3 से 19 साल तक के किसी भी बच्चे को पढ़ाई से वंचित न रहने देना है। सरकार इसे ‘भविष्य गारंटी मिशन’ के रूप में पेश कर रही है, जिसका लक्ष्य है—हर परिवार के बच्चों को शिक्षा की रोशनी उपलब्ध कराना।
मुख्य बातें (Highlights)
- 3–19 साल तक के हर बच्चे का घर–घर सर्वे शुरू।
- प्रवासी मजदूर, दिहाड़ीदार, झुग्गी-बस्ती और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों पर खास फोकस।
- मिली जानकारी के आधार पर शिक्षा योजना 2026–27 तैयार होगी।
- जहाँ जरूरत, वहाँ नए ‘स्कूल ऑफ एमीनेंस’, स्मार्ट क्लासरूम और शिक्षकों की भर्ती होगी।
- सर्वे पूरी तरह ऐप-आधारित; 80% डेटा का क्रॉस-वेरिफिकेशन अनिवार्य।
- सरकार का लक्ष्य: “कोई बच्चा छूटे नहीं, कोई भविष्य अंधेरे में न रहे।”

शिक्षा विभाग सीधे जनता के द्वार पर
पहली बार ऐसा हो रहा है कि शिक्षा विभाग केवल दफ्तरों या स्कूलों तक सीमित न रहते हुए, सीधे लोगों के घरों तक पहुँच रहा है।
चाहे प्रवासी मजदूर हों, निर्माण स्थल पर काम करने वाले परिवार, ढाबों/गैरेजों में काम करने वाले या झुग्गियों में रहने वाले लोग—अब उनका कोई भी बच्चा ‘अदृश्य’ नहीं रहेगा।
मान सरकार ने साफ संदेश दिया है कि गरीब और पिछड़ा वर्ग उसकी प्राथमिकता है। यह वीआईपी कल्चर को खत्म कर आम नागरिकों के बच्चों तक सम्मानपूर्वक शिक्षा का अधिकार पहुँचाने का प्रयास है।
अति–संवेदनशील बच्चों पर विशेष ध्यान
सर्वे टीमों को खास निर्देश दिए गए हैं कि वे उन बच्चों की पहचान सुनिश्चित करें—
- जो सड़क पर काम करते हैं,
- ढाबों/गैराजों में मजदूरी करते हैं,
- कूड़ा बीनते हैं,
- खानाबदोश समुदाय से आते हैं।
इन बच्चों को स्कूलों में मुफ्त दाखिला, विशेष प्रशिक्षण और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
डेटा-आधारित ‘रंगला पंजाब’ की ओर कदम
इस सर्वे से मिलने वाला डेटा वार्षिक शिक्षा योजना 2026–27 का आधार बनेगा।
जहाँ बच्चों की संख्या अधिक होगी, वहाँ—
- नए स्कूल,
- ‘स्कूल ऑफ एमीनेंस’,
- स्मार्ट क्लासरूम,
- और शिक्षकों की नियुक्तियाँ की जाएँगी।
सरकार का कहना है कि यह केवल वादों तक सीमित पहल नहीं, बल्कि पूरी तरह योजनाबद्ध और ज़मीनी बदलाव है।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित
सरकारी स्कूलों के हेड/इंचार्ज को अपने क्षेत्र (3–5 किमी दायरे) में हर घर का सर्वे कराने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
सारा डेटा मोबाइल ऐप पर अपलोड होगा और 80% एंट्री की क्रॉस-वेरिफिकेशन अनिवार्य होगी—
ताकि
- कोई गड़बड़ी न हो,
- कोई बच्चा सर्वे से बाहर न रह जाए।
मान सरकार का संकल्प
अधिकारियों के अनुसार, यह डेटा आगे—
- आवासीय विद्यालय,
- विशेष प्रशिक्षण केंद्रों,
- और अन्य शैक्षिक हस्तक्षेप कार्यक्रमों की योजना बनाने में निर्णायक साबित होगा।
सरकार का स्पष्ट संदेश है:
“पंजाब का हर बच्चा पढ़ेगा, तब ही पंजाब बनेगा फिर से रंगला पंजाब।”

