पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जवाबी कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था। जब पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की नापाक कोशिश की, तो भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच अब युद्धविराम हो गया है, लेकिन कश्मीर में आतंकियों के मददगारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है।
राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को मध्य और उत्तरी कश्मीर में 11 स्थानों पर छापेमारी की, जो स्लीपर सेल मॉड्यूल से जुड़ी जांच का हिस्सा थी। इन छापों का उद्देश्य आतंकवादियों के सहयोगियों को निशाना बनाना था। एसआईए के अनुसार, छापेमारी में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक जांच से पता चला कि ये संदिग्ध आतंकी साजिशों में शामिल थे और भारत-विरोधी प्रचार फैला रहे थे।
एसआईए ने कहा कि यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ है, ताकि असंतोष और सांप्रदायिक नफरत को रोका जा सके। एजेंसी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई और आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया।
जांच में खुलासा हुआ कि 18-22 वर्ष की आयु के कई युवा ऑनलाइन कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित थे। एसआईए ने अभिभावकों, शिक्षकों और समुदाय से युवाओं की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को देने की अपील की। कश्मीर में यह अभियान आतंकियों के मददगारों और समर्थकों को चिह्नित कर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चल रहा है। यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाती है।