सीजफायर के बाद से भारत लगातार पाकिस्तान को सख्त संदेश दे रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब देने के बाद अब विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से संपन्न हुई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अब CCS के फैसले के अनुसार, भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता. कृपया ध्यान दें कि जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी परिवर्तनों ने जमीन पर भी नई वास्तविकताओं को जन्म दिया है।
पाकिस्तान की ओर से दिया गया बयान हमने देखा है
जायसवाल ने आगे कहा कि हमने पाकिस्तानी पक्ष द्वारा दिया गया बयान देखा है. जिस देश ने औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसका यह सोचना कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, खुद को मूर्ख बनाना है. पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे समझ लेगा, उतना ही बेहतर होगा. जीत का दावा करना उनकी पुरानी आदत है, उन्होंने 1971, 1975 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी यही राग गाया. पाकिस्तान का ये पुराना रवैया है. परस्त हो जाए लेकिन ढोल बजाओ।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई. इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।
मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा
उन्होंने कहा कि हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा. इस घोषित नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि कश्मीर को लेकर भारत किसी की भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा. भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को पीओके को खाली करना पड़ेगा.