पंजाब के फिरोजपुर जिले के सीमावर्ती गांव हुसैनीवाला और आसपास के क्षेत्रों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते दहशत का माहौल बना हुआ है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद स्थानीय लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों या शहरों में रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। इस दौरान मंगलवार शाम 7:00 से 7:15 बजे तक फिरोजपुर में सायरन का परीक्षण किया गया, जो देशभर में होने वाली नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल से पहले किया गया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, हुसैनीवाला, हजारा सिंह वाला, गट्टी राजोके सहित अन्य सीमावर्ती गांवों के निवासी अपने जरूरी सामान को ट्रॉलियों में भरकर शहरों की ओर रवाना हो रहे हैं।
ट्रैक्टर पर सामान लादते हुए एक ग्रामीण, मनजीत सिंह ने बताया, “बच्चों और परिवार की सुरक्षा को देखते हुए हमारे गांव के करीब 200 लोग जरूरी सामान लेकर शहर में रिश्तेदारों के पास जा रहे हैं। सेना ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन डर के कारण लोग खुद ही घर छोड़कर जा रहे हैं। अब गांव में करीब 100-150 लोग ही बचे हैं, जो जल्द ही सुरक्षित स्थानों पर चले जाएंगे।”
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कई परिवार राशन और जरूरी सामग्री इकट्ठा कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें युद्ध जैसी स्थिति का भय है।
फिरोजपुर के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लोगों में डर का माहौल जरूर है, लेकिन प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है। प्रशासन ने गांववासियों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और फिरोजपुर, पठानकोट तथा अमृतसर जैसे जिलों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।
मॉक ड्रिल से पहले सायरन बजा
केंद्र सरकार के निर्देश पर 7 मई 2025 को देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। हालांकि फिरोजपुर में इसका सायरन परीक्षण पहले ही मंगलवार शाम 7 से 7:15 बजे तक किया गया। फिरोजपुर नगर परिषद कार्यालय से सायरन बजाया गया, जिसकी आवाज पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों में सुनाई दी।
इस तनावपूर्ण माहौल के बीच करतारपुर कॉरिडोर को भी बुधवार को बंद कर दिया गया, जिससे तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने से रोक दिया गया। सीमावर्ती गांवों के लोग पहले से ही सतर्क थे, लेकिन सायरन के परीक्षण ने उनकी चिंताओं को और गहरा कर दिया।