केरल हाईकोर्ट में एक भावनात्मक मामला सामने आया है, जहां 91 वर्षीय व्यक्ति पर अपनी 88 वर्षीय पत्नी पर चाकू से हमला करने का आरोप लगा। बताया गया कि पत्नी अक्सर पति पर अवैध संबंधों का आरोप लगाती थीं, जिससे एक दिन गुस्से में आकर पति ने हमला कर दिया।
हालांकि, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें और उम्रजनित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भावनात्मक आधार पर बुज़ुर्ग को ज़मानत दे दी।
न्यायाधीश ने दिए जीवन के अंतिम पड़ाव में साथ निभाने के संदेश
न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हिकृष्णन ने 10 अप्रैल को दिए फैसले में कहा, “मैं इस मामले पर और चर्चा नहीं करना चाहता। इस उम्र में दोनों को शांति और सम्मान के साथ जीवन बिताने देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि अब जब जीवन का अंतिम चरण चल रहा है, तो एक-दूसरे का सहारा बनना ही सबसे बड़ा प्रेम है।
न्यायाधीश ने आगे कहा, “उम्र बढ़ने से प्यार की रौशनी कम नहीं होती, बल्कि और भी गहरी हो जाती है। कुंजली आज भी अपने पति से बेहद प्यार करती हैं, इसलिए ही वह आज भी उन पर नज़र रखती हैं।”
कविता के ज़रिए दिया विवाह का असली अर्थ
न्यायाधीश ने प्रसिद्ध मलयालम कवि एन.एन. कक्कड़ की अंतिम कविता का ज़िक्र करते हुए कहा, “एक महान विवाह तब नहीं बनता जब दो लोग साथ आते हैं, बल्कि तब बनता है जब वे आपसी मतभेदों को समझना और स्वीकार करना सीख जाते हैं।”
क्या है मामला?
वकील के अनुसार, थेवन और कुंजली वर्षों से साथ रह रहे थे। 21 मार्च को एक बहस के दौरान कुंजली ने थेवन पर अन्य महिलाओं से संबंध रखने का आरोप लगाया। इससे आहत होकर थेवन ने कथित रूप से चाकू से हमला कर दिया, जिसमें कुंजली गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना के बाद पुलिस ने थेवन को गिरफ़्तार कर लिया था।