‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े सांसद अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत सिंह से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) हटा दिया गया है। NSA की समाप्ति के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल से अमृतसर लाया गया और अजनाला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से पंजाब पुलिस को उसका 4 दिन का रिमांड मिल गया।
कोर्ट में पुलिस ने 10 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन फिलहाल 4 दिन की इजाजत दी गई। पप्पलप्रीत के वकीलों का कहना है कि पुलिस के पास जांच के नाम पर कुछ नया नहीं है – वे सिर्फ पुरानी बातें दोहरा रहे हैं और फोन व डाटा रिकवरी के नाम पर रिमांड मांग रहे हैं।
“नशा रोकने की सज़ा दी जा रही है”, माँ का आरोप
कोर्ट के बाहर पप्पलप्रीत की मां ने भावुक होकर कहा कि उनके बेटे का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। वह सिर्फ नशा रोकने के मकसद से अमृतपाल सिंह के करीब गया था। उन्होंने कहा, “जब अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया तो पप्पलप्रीत ने उसकी मदद की, लेकिन उसे जो सजा दी जा रही है, वह बहुत ज्यादा है।”
हमले और शरण देने के आरोप
गौरतलब है कि पप्पलप्रीत को पिछले साल उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वह फरार था और अमृतपाल सिंह के साथ देखा गया था। बताया गया कि उसने अमृतपाल को कई जगहों पर शरण दी और योजनाओं में साथ दिया। इसी आधार पर उसके खिलाफ NSA लगाया गया था।
अजनाला थाने पर हमले का केस
NSA हटने के बाद अब पप्पलप्रीत को अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में पेश किया गया। सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही और पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर थी। इससे पहले NSA के तहत पकड़े गए 8 अन्य लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।