इन दिनों इटली में हालात किसी इमरजेंसी से कम नहीं हैं। इसकी वजह है देशभर में 9 से 12 अप्रैल तक चलने वाली व्यापक ट्रांसपोर्ट हड़ताल। एयरलाइंस से लेकर रेलवे तक, हर परिवहन सेवा प्रभावित है, जिससे यात्रियों के लिए सफर करना मुश्किल हो गया है। मेलोनी सरकार हालात संभालने की कोशिश कर रही है, लेकिन आम लोग अपने यात्रा योजनाओं को लेकर दुविधा में हैं।
EasyJet स्टाफ की हड़ताल
बजट एयरलाइन EasyJet के फ्लाइट असिस्टेंट्स ने 9 अप्रैल को चार घंटे की राष्ट्रीय हड़ताल की घोषणा की थी, जो सुबह 10:30 से दोपहर 2:30 बजे तक चली। यूनियनों के अनुसार, काम के अनुबंधों में सुधार को लेकर बातचीत विफल हो गई है। हालांकि EasyJet ने अब तक कोई उड़ान रद्द नहीं की है, लेकिन यात्रियों को एयरलाइन से जानकारी लेने की सलाह दी गई है।
एयरपोर्ट्स पर भी प्रदर्शन
मिलान के लीनाटे और मलपेंसा एयरपोर्ट पर ड्राइवरों ने भी इसी समय पर हड़ताल की। वहीं, पालेर्मो एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने सुबह 10 से शाम 6 बजे तक काम बंद रखा। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ENAC ने भरोसा दिलाया है कि सुबह 7 से 10 और शाम 6 से 9 बजे तक की उड़ानें सामान्य रहेंगी।
रेलवे सेवाओं पर भी असर
रेल सेवा भी हड़ताल की चपेट में है। SI-COBAS यूनियन ने 10 अप्रैल रात 9 बजे से 11 अप्रैल रात 8:59 बजे तक 24 घंटे की रेल हड़ताल का ऐलान किया है। Trenord ने बताया कि लोंबार्डी क्षेत्र में रीजनल, एयरपोर्ट और लंबी दूरी की ट्रेन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, कुछ जरूरी सेवाएं सुबह और शाम के तय घंटों में चालू रहेंगी।
सरकार के लिए बड़ी चुनौती
इन हड़तालों ने प्रधानमंत्री मेलोनी की सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। जहां श्रमिक संगठन नाराज हैं, वहीं आम जनता भी परेशान है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की इस उथल-पुथल ने इटली की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी असर डाला है, खासकर पर्यटन सीजन की शुरुआत में। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार इस संकट से कैसे निपटती है।