चंडीगढ़: पंजाब के लोगों के लिए एक और बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज लिंक सड़कों की मरम्मत के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत 1.5 करोड़ रुपये की लागत से 20,000 किलोमीटर लिंक सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आम लोगों, विशेषकर ग्रामीण आबादी को सुविधा प्रदान करना है, क्योंकि शहर में आने-जाने तथा माल परिवहन में सम्पर्क सड़कें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि ये सम्पर्क सड़कें राज्य की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा हैं। भगवंत सिंह मान ने इन संपर्क सड़कों के निर्माण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इनमें से अधिकतर सड़कों की छह वर्षों से अधिक समय से मरम्मत नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सड़कों की मरम्मत के दौरान सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर पक्का किया जाए तथा आवश्यकता आधारित सड़कों की व्यवस्था की जाए ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन सड़कों का निर्माण आवश्यकता और प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए जमीनी सर्वेक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और मंडी बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हर कीमत पर यह सुनिश्चित करें कि इन सड़कों के निर्माण में प्रत्येक पैसे का तर्कसंगत उपयोग हो। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन सड़कों की मरम्मत करने वाले ठेकेदार अगले पांच वर्षों तक इनका रखरखाव भी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य भर में सड़कों को चौड़ा, मजबूत और उन्नत करके संपर्क सड़कों के बुनियादी ढांचे को बदलने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस सड़क नेटवर्क के महत्व को देखते हुए यह निर्णय लिया है। भगवंत सिंह मान ने मंडी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग को काम की समग्र गुणवत्ता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इस परियोजना का एक-एक पैसा सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रामीण सड़कों के आवश्यकता आधारित निर्माण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य के संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित होगा तथा ग्रामीण सड़कों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस तकनीक से निर्माण प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे लोगों का पैसा बचेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए तीसरे पक्ष द्वारा सत्यापन की संभावना तलाशी जानी चाहिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. रवि भगत और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।