विदेश जाने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज पासपोर्ट होता है। इसके बिना आप किसी भी आधिकारिक, व्यावसायिक या निजी कारणों से विदेश यात्रा नहीं कर सकते। यदि आप पासपोर्ट बनवाने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। हाल ही में भारत सरकार ने पासपोर्ट नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है।
पासपोर्ट नियमों में बदलाव
केंद्र सरकार ने पासपोर्ट नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 या उसके बाद जन्म लेने वाले आवेदकों के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही जन्म तिथि का एकमात्र वैध प्रमाण माना जाएगा। यह प्रमाणपत्र केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इस बदलाव को लागू करने के लिए हाल ही में पासपोर्ट नियम, 1980 में संशोधन कर एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई है।
नए नियमों की पूरी जानकारी
- 1 अक्टूबर 2023 या उसके बाद जन्मे आवेदकों के लिए केवल जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार, नगर निगम या 1969 के जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत अधिकृत किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र ही मान्य होगा।
- अन्य आवेदक जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में वैकल्पिक दस्तावेज, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र आदि प्रस्तुत कर सकते हैं।
भारतीय पासपोर्ट सरकार द्वारा जारी एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो विदेश यात्रा के दौरान आपकी नागरिकता का प्रमाण होता है। भारतीय पासपोर्ट तीन प्रकार के होते हैं:
नियमित पासपोर्ट (Regular Passport) – यह आम नागरिकों को जारी किया जाता है और इसकी वैधता 10 साल होती है।
आधिकारिक पासपोर्ट (Official Passport) – यह सरकारी अधिकारियों को उनके आधिकारिक कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।
डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) – जिसे VVIP पासपोर्ट भी कहा जाता है, यह उच्च पदस्थ राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है।
यदि आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखते हुए समय पर पासपोर्ट बनवाना आपके लिए फायदेमंद होगा।